दुनिया का पहला कैशलैस राष्ट्र बनने जा रहा है स्वीडन. एक नए शोध के मुताबिक ऎसा स्वीडन के सूचना तकनीक को अपनाने के चलते संभव हो सका है. यही नहीं स्वीडन संगठित अपराध व आतंक पर काबू पाने में कामयाब रहा है, जिसके चलते अब लोग बेखौफ होकर डिजीटल पेमेंट सिस्टम को अपना रहे हैं.
स्वीडन के रिसर्चर्स ने बताया कि देश में तेजी से मोबाइल पेमेंट सिस्टम को अपनाया जा रहा है, जिसकी वजह से वह दिन जल्दी ही आ जाएगा जब स्वीडन दुनिया का पहला कैशलैस राष्ट्र बन जाएगा. रिसर्चर्स ने बताया, “कई देशों में अभी भी कैश पेमेंट अहम साधन है, लेकिन स्वीडन में अब इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं हो रहा है. देश में कैश का इस्तेमाल तेजी से घट रहा है.”
स्वीडन में छोटी से छोटी खरीदारी तक के लिए लोग बैंक कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. केवल 80 अरब स्वीडिश क्र ाउन ही सर्कुलेशन में हैं, यह 6 महीने पहले करीब 106 अरब थे. इस रकम में से भी 40 से 60 फीसदी के बीच ही नियमित रूप से सर्कुलेशन में है. बाकी पैसा या तो लोगों के घरों में है या बैंक में जमा है, या फिर गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल हो रहा है.
बड़े स्वीडिश और डैनिश बैंको के बीच आपसी सहयोग के परिणामस्वरूप स्विट्जरलैंड में एक डायरेक्टपेमेंट ऎप बैंक गिरो को डेवलप किया गया है जिसके इस्तेमाल से लोग आपस में ट्रांजेक्शन करते हैं. इसके लिए स्वीडिश बैंकों ने पहले अडवांस आईटी सिस्टम अपनाया है. इसके अलावा डिजीटल पेमेंट सरल है और इस पर खर्च भी कम आता है, जिसके चलते यह राष्ट्र के पेमेंट सिस्टम में पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है.