हर चीज की एक उम्र होती है , मगर प्यार की उम्र नहीं होती .प्यार की बस दीवानगी होती है , बस जुनून होता है . हालाँकि प्रेम तो अमर है , मगर शिद्दत इसकी हड्डियाँ हैं जो धीरे धीरे बूढी होती जाती हैं . एक वो दौर हुआ करता था , जब प्रेम पूजा होता था और उसके पुजारी प्रभो मिलन की चाह करते – करते ही मोक्ष को प्राप्त हो लेते थे. एक जरा सा इजहार करने के लिये किताबों भर मैटर लिखते रहते और फाडते रहते थे, फिर भी प्रेम पत्र को फाइनल टच नहीं मिल पाता था. और इतने बीच में कब उनके प्रियतम ब्याह के चले जाते थे , उन्हें पता ही नहीं चलता था और आज जो जमाना है वो है फास्ट से भी फास्ट वाला जमाना .तो आज हम आपको बताएंगे इजहार के तरीके.
1. इजहार के दौरान संयम रखें और कान्फिडेंट रहें.
2. अजनबी रहते हुए न करें इज़हार.
3. बनावटी ना बनें.
4. इनकार से न तो खीझें ना संयम खोएं.
5. उसकी पसंद को अपनाएं.