भारतीय छात्र का जुगाड़ बचाएगा लाखों की जान

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भारतीय टेलेंट ने एक बार फिर दुनिया में अपने नाम का झंडा गड दिया है. दुनिया में भारत समेत कई ऐसे देश हैं जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी होने के कारण लाखों प्री-मैच्योर और कम वजन वाले बच्चों की जान चली जाती है. लेकिन उनके लिए इस भारतीय छात्र ने दमदार जुगाड़ बना दिया है जो अब उनकी जान बचाएगा.

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भारतीय छात्र मालव सांघवी ने कम खर्च में गत्ते की मदद से एक इन्क्यूबेटर (बेबी लाइफ बॉक्स) विकसित किया है जो नवजात बच्चों की जान बचाने में कामयाब होगा. मालव ने अपनी पढ़ाई इनोवेशन डिजाइन इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन इम्पीरियल कॉलेज लंदन और रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट से की है.

मालव को लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में आयोजित प्रतियोगिता में इस लिए तीसरा पुरस्कार दिय गया है. मालव का कहना है कि बेबी लाइफ बॉक्स कम लागत में तैयार शिशुओं को रखने वाला इन्क्यूबेटर है जो नवजात शिशुओं को जमीनी स्तर पर मुलभुत देखभाल मुहैया कराता है.

आंकड़ो के अनुसार पूरी दुनिया में जन्म के 24 घंटे में शिशुओं के मरने के मामले में भारत का पहला स्थान है. आंकड़ो की मानें तो भारत में हर साल तीन लाख शिशुओं की मौत हो जाती है. संघवी ने कहना है कि हमारे द्वारा पता किये गए आंकड़ो से पता चला है की भारतीय स्वास्थ्य देखभाल सेवा के पास समय पर जन्मे बच्चों के लिए पर्याप्त उपकेंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सुविधाएं हैं, लेकिन इनके पास समय से पूर्व जन्मे और कम वजन के शिशुओं की देखभाल के लिए बुनियादी ढांचे की कमी है.

इसमें आश्चर्य वाली बात ये भी है कि सांघवी ने अपना यह जुगाड़ यानी बेबी लाइफ बॉक्स इंम्पीरियल कॉलेज लंदन के हैकस्पेस कार्यक्रम से मिले मात्र 500 पाउंड की मदद से तैयार किया है. अब उनका लक्ष्य इसका उत्पादन बड़े स्तर पर करना है.