नासा ने खोजी दूसरी “धरती”

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पृथ्वी की “तीसरी आंख” कहे जाने वाले कैपलर स्पेस टेलीस्कॉप ने तारामंडल से 1400 प्रकाश वर्ष दूर दूसरी धरती खोजी है. 6 अरब साल पुराना कैपलर 452 बी ग्रह सौरमंडल से बाहर है. धरती की तरह ही इसका अपना “सूरज” है. दूरी भी लगभग उतनी ही है. हालांकि, इसका “सूरज” 4 फीसदी बड़ा व 10 फीसदी अधिक चमकीला है. पृथ्वी से बाहर जीवन ढूंढ़ने की नासा की कोशिशों में इस खोज को अहम कदम माना जा रहा है. अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरूवार रात इस खोज की घोषणा की.

पृथ्वी से पुराना पर जुड़वां है 452 बी

नासा के साइंस मिशन के असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेर जॉन ग्रून्फेड ने इसे धरती के अब तक का सबसे मिलता जुलता ग्रह या जुड़वां बताया है. हालांकि वैज्ञानिकों ने इसे आकार में दोगुना होने के कारण “क्लॉज कजन” कहा है. इसे सुपर अर्थ भी कहा जा रहा है. इस ग्रह पर पानी की संभावना और सक्रिय ज्वालामुखी हो सकते हैं. साथ ही प्रकाश संश्लेषण में सक्षम पौधे पनप सकते.

इस साल 8 ग्रह खोजे

2015 में कैपलर ने गोल्डिलॉक जोन (जीवन की संभावना वाले) में आठ नए ग्रह खोजे. इससे पहले पृथ्वी जैसे दो ग्रह केपलर-438बी और केपलर-442बी खोजे गए लेकिन आकार पृथ्वी से कहीं बड़ा था. ये छोटे लाल सितारों के चारों ओर घूम रहे हैं. इन सितारों का तापमान सूरज के मुकाबले कहीं ज्यादा कम है.

यह धारणा भी

माना जाता है कि सिर्फ हमारी आकाशगंगा में 40 अरब ऎसे ग्रह हो सकते हैं, जो अपने सूरज का चक्कर हैबिटेबल जोन में लगा रहे हैं. कैप्लर के लिए पृथ्वी जैसे ही एक और धरती की तलाश आसान नहीं थी. इससे पहले विशेष्ाज्ञ गोल्डिलॉक जोन में पृथ्वी के बराबर आठ या नौ ग्रहों का पता लगा चुके हैं.

कैपलर की नजर

सूर्य से 3000 प्रकाश वर्ष की दूरी तक के दायरे में की खोज

यह 2009 में लॉन्च किया गया था.

तब इसकी मियाद नवंबर 2012 तक ही थी.

यह टेलीस्कॉन अब तक 4000 से अधिक ग्रह खोज चुका.

इस महादूरबीन को लगाने में 59 करोड़ डॉलर खर्च हुए थे.

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