सेक्स के बारे में बरकरार हैं भारतीय पुरूषों में गलत धारणाएं
फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक आरिफ जफर ने बताया कि 56 शहरों में सर्वेक्षण किए गए. हमने सेक्स वर्कर्स का सर्वे किया. उन लोगों ने हमें बताया कि उन्हें अप्राकृतिक यौन संबंधों के लिए कहा जाता है. अधिकांश मर्दो का मानना है कि ऐसा करना सुरक्षित है और वे एचआईवी एड्स से पीडि़त नहीं होंगे. लेकिन वे नहीं जानते कि यह 10 गुना ज्यादा खतरनाक है.
जफर ने कहाकि अधिकांश मामले में वे कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते. अगर उनके पास कंडोम नहीं है तो वे इस तरीके से सेक्स करना ज्यादा सुरक्षित समझते हैं. लेकिन यह असुरक्षित सेक्स दोनों के लिए खतरनाक है. यह सर्वेक्षण वाराणसी, इलाहबाद, जौनपुर, कानपुर, गाजियाबाद, आगरा, हुबली, बीजापुर, बेल्लारी, नलगोंडा और हरदोई जैसे शहरों में कराया गया. सर्वे बताता है कि अधिकांश पुरुष सुरक्षित यौन संबंध को लेकर सजग नहीं हैं. सरकार भी प्रचार प्रसार के जरिए इस बारे में स्पष्ट संदेश देने में विफल रही है. सर्वे का मकसद सेक्स के बारे में लोगों विशेषकर समलैंगिकों के बीच की समझ और व्यवहार के बारे में पता लगाना था. उन्होंने कहा कि जहां सर्वेक्षण कराए गए वहां यौन शिक्षा नदारद थी. उन्होंने कहाकि महिला और पुरुष के प्रजनन अंगों के बारे में लोगों की जानकारी लगभग नगण्य है.