ब्रिटेन के स्वांसी यूनिवर्सिटी द्वारा करवाए गए एक रिसर्च के मुताबिक ब्रिटेन के 20 फीसदी से भी अधिक छात्र सेक्स वर्कर अपनाने के बारे में सोच रहे हैं.
समाचार पत्र ‘एशियन लाइट’ में प्रकाशित रपट में रिसर्च के हवाले से कहा गया है कि वास्तव में उनमें से पांच फीसदी छात्र पहले ही सेक्स वर्कर में संलिप्त रहे हैं तथा छात्राओं की अपेक्षा छात्रों का रुझान इस ओर ज्यादा है.
गौरतलब है कि सेक्स वर्कर के अंतर्गत स्ट्रीपिंग (नाचते हुए कपड़े उतारना), फोन पर उत्तेजक बातचीत, उत्तेजक नृत्य और यौनाचार शामिल हैं. इसमें एस्कॉर्ट के रूप में कार्य भी शामिल है. इसके अलावा बिना किसी के संपर्क में आए वेबकैम के जरिए एवं ग्लैमर मॉडलिंग के जरिए भी छात्र सेक्स वर्कर से कमाई करने के इच्छुक हैं.
स्वांसी यूनिवर्सिटी के आपराधिक न्याय एवं अपराध विज्ञान विभाग ने यह रिसर्च किया तथा इस रिसर्च के लिए बिग लॉटरी फंड ने आर्थिक मदद दी. ब्रिटेन के विभिन्न इलाके से तकरीबन 6,750 विद्यार्थियों ने इस ऑनलाइन सर्वे में हिस्सा लिया.
रिसर्च के अनुसार, विद्यार्थियों के सेक्स वर्कर अपनाने या उसकी ओर जाने का सबसे बड़ा कारण आर्थिक तंगी है, क्योंकि छात्रों को 9,000 पाउंड हर साल का शुल्क वहन करने में परेशानी हो रही है. ग्रेजुएशन तक की शिक्षा पूरी करने वाले अधिकांश विद्यार्थियों पर 50,000 पाउंड तक का कर्ज पाया गया.
रिसर्च में पाया गया कि जहां दो तिहाई विद्यार्थी जीवनशैली के स्तर को बेहतर करने के लिए सेक्स वर्कर की ओर जाना चाहते हैं, वहीं 45 फीसदी के लगभग विद्यार्थी अपने कर्ज को चुकाने के लिए इस ओर जाने के बारे में विचार कर रहे हैं.
रिसर्च में हिस्सा लेने वाले 59 फीसदी विद्यार्थियों का मानना है कि वे इस कार्य में लुत्फ उठाएंगे, 54 फीसदी इसे लेकर जिज्ञासु हैं, 45 फीसदी छात्र देह कारोबार में काम करना चाहते हैं तथा 44 फीसदी छात्र यौन सुख की चाह में देह व्यापार अपनाना चाहते हैं. देह कारोबार में काम कर चुके विद्यार्थियों में आधे छात्रों ने छह महीने से भी कम समय के लिए इसे अपनाया या सप्ताह में पांच घंटे काम किया.
देह व्यापार में काम कर चुके विद्यार्थियों में से 76 फीसदी विद्यार्थियों ने काम करते हुए खुद को सुरक्षित महसूस किया, जबकि सीधे-सीधे देह व्यापार में लिप्त 49 फीसदी विद्यार्थी सेक्स के दौरान मारपीट होने को लेकर संशकित रहे.
रिसर्च की सह-नेतृत्वकर्ता ट्रेसी सगर के अनुसार, देह व्यापार में आम धारणा के विपरीत पुरुषों का अधिक लिप्त होना इस रिसर्च से मिला महत्वपूर्ण तथ्य है.
ट्रेसी ने कहा, “देह व्यापार काफी व्यापक है, लेकिन लोगों की इसके प्रति एक गलत धारणा है कि इसमें अधिकांशत: महिलाएं ही संलिप्त हैं.”