यहां मेहमानों को खून पिलाना एक रिवाज है
अफ्रीका में गरीबी का पैमाना बहुत ज्यादा है. अफ्रीका के जंगल पूरी दुनिया में मशहूर हैं, साथ ही वहां के रिवाज के काफी अजीबो-गरीब हैं.
1- यहां केन्या देश में एक मसाई समुदाय है. इस समुदाय के बीच पुरुषों को ‘मोरान’ का स्टेटस दिया जाता है. इसके लिए पुरुष को अकेले जंगलों में जाकर शेर का शिकार का शिकार करना पड़ता है. इसके लिए वो सिर्फ एक भाला अपने साथ रख सकता है. यदि वो ऐसा कर पता है तो उसे आदर्श पुरुष के रूप में स्वीकार कर लिया जाता है.
2- अगर एक भाई की मौत हो जाए तो उसकी विधवा को जिंदा भाई को सौंपना भी कई समुदायों में एक रिवाज है. माना जाता है कि इससे परिवारों के रिश्तें मजबूत रहते हैं. माना जाता है कि इस रिवाज की वजह से यहां एड्स बड़े पैमाने पर है.
3- अफ्रीका के जुलु समुदाय में एक संगोमा होता है. संगोमा एक वैद्य की तरह होता है जो सबका इलाज करता है. इतना ही नहीं ये संगोमा अपने सिगार से लोगों का भविष्य भी बताता है. इसी सिगार से वो लोगों का इलाज भी करता है.
4-तंजानिया और केन्या में मेहमानों का स्वागत भुने हुए मीट से किया जाता है. साथ ही मेहमान को एक बार जानवर का ताजा खून पीना होता है या फिर दूध में मिला हुआ खून.
5- मेक्सिको जैसे देश में बुल फाइटिंग काफी आम है. इस खेल के चलते हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत होती है.
6- पारंपरिक वध भी अफ्रीका की संस्कृति की एक बड़ी त्रुटि मानी जाती है. इसमें राजा के आदेश पर किसी व्यक्ति (खासकर जनजाति) की हत्या की जाती है. ये हत्या इसलिए की जाती है ताकि वहां आर्थिक खुशहाली आ सके. यानि इंसान की बलि दी जाती है.
7- इलाज का पारंपरिक तरीका भी यहां एकदम अजीब है. इलाज करने वालों के पास जब मरीज जाते हैं तो सांप के अंडे, मगरमच्छ के अंडे या खतरनाक जानवरों के दांत ले जाते हैं.
8- यूगांडा के बागंडा समुदाय में जब कोई लड़का जवान होता है उसे डांस करना होता है. साथ ही वो कई लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध भी बनाता है.
9- जवान पुरुषों की खतना भी यहां का एक बड़ी रिवाज है. साथ ही खतना कराने वाले नौजवान को जंगलों में वक्त बिताना पड़ता है. ऐसा इसलिए ताकि साबित हो सके कि हां अब वो जवान हो गया है और उसे डर नहीं लगता.
10- पुरुषों की खतना तो अफ्रीका के अलावा दुनिया के तमाम कोनों में होती है. लेकिन महिलाओं की खतना जैसा क्रूर रिवाज सिर्फ अफ्रीका में ही नजर आता है. हालांकि अब कई जगह ये प्रैक्टिस बंद कर दी गई है.