मात्र 75 घर वाले इस गांव ने भारत को दिए हैं 47 आईएएस ऑफिसर
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आईएएस बनने के बाद इन्दू प्रकाश सिंह फ्रांस सहित दुनिया के कई देशों में भारत के राजदूत रहे. इस गांव के चार सगे भाइयों ने आईएएस बनकर जो इतिहास रचा है वह आज भी भारत में एक रिकॉर्ड है. इन चारों सगे भाइयों में सबसे पहले 1955 में आईएएस की परीक्षा में 13वीं रैंक प्राप्त करने वाले विनय कुमार सिंह का चयन हुआ. विनय सिंह बिहार के मुख्यसचिव पद तक पहुंचे. सन् 1964 में उनके दो सगे भाई क्षत्रपाल सिंह और अजय कुमार सिंह एक साथ आईएएस अधिकारी बने. क्षत्रपाल सिंह तमिलनाडू के प्रमुख सचिव रहें, आईएएस श्री प्रकाश सिंह, इस समय में उत्तर प्रदेश के नगर विकास के सचिव हैं. विनय सिंह भाई के चौथे भाई शशिकांत सिंह 1968 आईएएस अधिकारी बने. आगे की स्लाइड में पढि़ए गांव के बेटों के साथ-साथ बहुएं भी हैं आईएएस