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टूटी हुई घड़ी ने मालिक को कर दिया मालामाल, मिले 52 लाख रुपए

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एक टूटी हुई पुरानी घड़ी को अगर आप बाजार में बेचने जाएं तो ज्यादा से ज्यादा इसके कितने रुपए मिल सकते हैं, आप सोचते होंगे 300 रुपए या 500 रुपए. इंग्लैंड के चेशायर में रहने वाले एक व्यक्ति ने भी केवल 500 पाउंड में इसके बिकने की उम्मीद की थी, लेकिन इसकी जितनी कीमत लगी उसे देखकर यह खुद भी हैरान रह गया.

दरअसल टूटी हुई बंद पड़ी यह पुरानी कलाई घड़ी दूसरे विश्व युद्ध में इटालियन नेवी डाइवर्स की दी गई घड़ी निकली. इसे लाने वाले व्यक्ति को यह घड़ी अपने मृत पिता के घर की सफाई के समय ड्रॉअर में मिली थी, जिसे बेचने के लिए वह इसे कार बूट सेल में लाया था, यहां इस घड़ी की कीमत लगी 55000 पाउंड यानी कि करीब 5271584 रुपए.

इटालियन कंपनी पेनेराय की बनाई गई इस घड़ी को बिना स्टै्रप के और बंद मशीनरी के साथ बेचा गया. घड़ी का हैमर प्राइस 46000 पाउंड था, जबकि इस पर तमाम फीस जोडऩे के बाद इसकी नीलामी जीतने वाले ने इसके लिए 55660 पाउंड चुकाए. यह घड़ी 1941 से 1943 के बीच बनाई गई 618 रॉलेक्स 17 रुबिस पेनेराय 3636 घडिय़ों में से एक थी.

यह घड़ी वॉटरप्रूफ थी और इसके बड़े डायल केस को अंधेरे में भी देखा जा सकता था. इसे रॉयल इटालियन नेवी को सप्लाई किया जाता था और इसे वे गोताखोर इस्तेमाल करते थे जिन पर ह्युमन टॉरपेडोस को ऑपरेट करने की जिम्मेदारी होती थी. ह्युमन टॉरपेडोस वह मिसाइल होती थी जिसे पानी के अंदर ही छोड़ा जाता था, इस पर डिटैचेबल वॉरहैड होता था जिसे दुश्मन के जहाज पर टाइम्ड लिम्पेट माइन की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता था.

डाइवर्स इस मिसाइल को केवल रात में ही दाग सकते थे, इसलिए ही इस घड़ी का डयर और डिजिट्स चमकदार बनाए गए थे, ताकि अंधेरे में भी समय देखा जा सके. इस घड़ी को ऑक्शनीयर्स राइट मार्शल में नीयाल विलियम्स ने बेचा और उन्होंने बताया कि जब इस घड़ी को उन तक लाने वाले व्यक्ति को इस बारे में बताया गया कि इसे 46000 पाउंड में बेचा गया है तो वह अपने कानों पर भरोसा ही नहीं कर पाया.

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