क़िस्से-कहानियों का यूनीकॉर्न सच है
नाक के ऊपर एक सींग वाला जानवर यूनीकॉर्न असल में हुआ करता था. साइबेरियन यूनीकॉर्न नाम के इस जानवर का ज़िक्र अभी तक क़िस्सों-कहानियों में मिलता था, जिनमें इसे एक घोड़े की तरह और दोनों कानों के बीच एक सींग निकले दिखाया गया है. सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई में मिली सीलों में भी ऐसे एक जानवर का पता चलता है.
मगर यह वैसा नहीं था जैसा कहानियों में बताया गया है, बल्कि यह बाल वाले गैंडे की तरह ज़्यादा दिखता था. इस जानवर का वैज्ञानिक नाम है एलास्मोथीरियम साइबिरिकम. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस जानवर का अस्तित्व 29 हज़ार साल पहले ख़त्म हो गया था.
कज़ाकिस्तान की टॉम्स्क स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को जब इस जानवर की एक खोपड़ी मिली तब उन्हें इसका पता लगा. इस खोज से पहले उन्हें लगता था कि ये जानवर क़रीब साढ़े तीन लाख साल पहले धरती पर मिलता था.
यह जानवर दो मीटल ऊंचा और पांच मीटर लंबा हुआ करता था. वैज्ञानिक अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह लंबे समय तक ज़िंदा कैसे रह पाया, जितना अब तक माना जाता था.