यहां मिलता है शादी से पहले सुहागरात का मौका
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जी हां बस्तर में एक जनजाति ऐसी है, जहां शादी से पहले न केवल प्यार करना जरूरी होता है, बल्कि शादी से पहले सुहागरात भी मनाई जाती है. लेकिन इस परंपरा को कोई गलत न समझें यह प्रथा गोंड जनजाति की पवित्र और एजुकेशनल प्रथा है.यह परंपरा है घोटुल. गोंड जनजाति छत्तीसगढ़ से झारखंड तक के जंगलों में पाई जाती है. इसका एक समुदाय है मुरिया. मुरिया के लोगों की एक परंपरा है, जिसे घोटुल नाम दिया गया है. यह परंपरा दरअसल इस जनजाति के किशोरों को शिक्षा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया अनूठा अभियान है। इसमें दिन में बच्चे शिक्षा से लेकर घर–गृहस्थी तक के पाठ पढ़ते हैं तो शाम के समय मनोरंजन करते हैं घोंटुल में आने वाले लड़के को चेलिक और लड़की को मोटियार कहा जाता है.