क्या आपकी सेक्स लाइफ नॉर्मल है..?

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हर इंसान को स्वयं की शुरुआती सेक्स लाइफ के प्रति संशय रहता है. कुछ लोगों की चिंताएं वाजिब होती हैं तो अधिकांश बेवजह की भ्रांतियाँ पालकर दुखी होते रहते हैं.

यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि जिन लोगों की सेक्स लाइफ की शुरुआत नार्मल होती है उन्हें सेक्स को लेकर बहुत मनोग्रंथियां भी नहीं रहतीं. जरूरी है कि बहुत सारी भ्रांतियाँ पहले ही साफ हो जाना चाहिए. यहाँ पढ़िए महिलाओं पर हुए कुछ शोध अध्ययनों बाद सामने कुछ ऐसी सच्चाइयाँ जिन्हें आप अब तक गलत समझते थे.

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इस भ्रांति का भी आधार नहीं है कि कुछ महिलाओं में चरम सुख हासिल करने की क्षमता ही नहीं होती. तथ्य यह है कि केवल 10 प्रतिशत महिलाओ में ही यौन संसर्ग के दौरान चरम सुख प्राप्त करने में अक्षम होती हैं. इसे अनोर्गास्मिया कहते हैं. यह अवस्था प्रायमरी अथवा सैकेंडरी स्टेज जैसे दो भागों में विभाजित है. प्रायमरी स्टेज की समस्या से ग्रस्त महिला कभी भी किसी भी साधन से चरम हासिल नहीं कर पाती है, जबकि सेकेडंरी स्टेज से पीड़ित महिला वास्तविक यौन संसर्ग की बनिस्बत फोर फ्ले से ही चरम सुख हासिल कर लेती है. उसके लिए चरम सुख हासिल करने की प्रक्रिया में यौन संसर्ग गौण हो जाता है.

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