क्या आपकी सेक्स लाइफ नॉर्मल है..?
हर इंसान को स्वयं की शुरुआती सेक्स लाइफ के प्रति संशय रहता है. कुछ लोगों की चिंताएं वाजिब होती हैं तो अधिकांश बेवजह की भ्रांतियाँ पालकर दुखी होते रहते हैं.
यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि जिन लोगों की सेक्स लाइफ की शुरुआत नार्मल होती है उन्हें सेक्स को लेकर बहुत मनोग्रंथियां भी नहीं रहतीं. जरूरी है कि बहुत सारी भ्रांतियाँ पहले ही साफ हो जाना चाहिए. यहाँ पढ़िए महिलाओं पर हुए कुछ शोध अध्ययनों बाद सामने कुछ ऐसी सच्चाइयाँ जिन्हें आप अब तक गलत समझते थे.
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2. लिंग का आकार यौन संसर्ग में सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है. यह मान्यता गलत है क्योंकि केवल एक प्रतिशत महिलाओं ने ही इसे अति महत्वपूर्ण कहा है. 20 प्रतिशत महिलाएं इसे महत्वपूर्ण मानती हैं, जबकि अधिकांश महिलाओं का मानना है कि लिंग की लंबाई से चरम सुख प्राप्ति का कोई लेना-देना नहीं है. इसके पतले अथवा मोटे होने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है. एक तिहाई महिलाओं ने लिंग के निहायत सख्त होने की अनिवार्यता पर मोहर लगाई है.