हमारे समाज में जब लडकियों की शादी से पहली शर्त होती है कि वो चत्रिवान हों और कुंवारी हों. बुजुर्गो का मानना है कि अगर लडकी चत्रिवान नहीं तो भला वो लाख चाहे सुंदर सब बेकार होता है. लेकिन इसी दुनिया में बिल्कुल इसके विपरीत होता देखा जा रहा है. एक जनजाति ऐसी भी हैं जहां लडकी का कुंवारापन उसकी शादी में रोड़ा बन जाता है.
अगर लडकी ने शादी से पहले सेक्स नहीं किया तो उसकी शादी नहीं होती है. अगर लडकी की मर्यादा भंग हो चुकी है तो ही वो शादी के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं वरना नहीं. आप ये सुन चौक गए होंगे तो आप चौकिए मत, यहां ऎसा ही होता है. गुआम एक ऐसी जगह है जहां शादी से पहले लडकियों का किसी पुरूष से शारीरिक संबंध बनाना अनिवार्य है. इतना ही नहीं अगर लडकियों के लिए ये शादी की शर्त है तो लड़कों के लिए ये जिम्मेदारी और रोजगार बना है.
गुआम में हट्टे-कट्टे नौजवान इलाके में घूमते हैं और कुंवारी लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं. अविवाहित लडकियों का कौमार्य भंग करने के लिए बाकायदा उन्हें पैसे भी मिलते हैं. गुआम में इसे रोजगार के तौर पर देखा जाता है. दरअसल, इस जनजाति की परंपरा में ही ऐसा है कि यहां जब तक लडकी का कौमार्य भंग नहीं होगा, उसकी शादी नहीं होगी. शादी करने के पूर्व ऐसा होना अनिवार्य है और इसे किसी गलत नजर से भी नहीं देखा जाता है. यहां ये एक प्रथा बन चली है