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धरती पर उतर आते हैं यहां के अजीबोगरीब बादल

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प्रकृति से जुड़े वैसे तो कई रहस्य हैं जिनका पता लगाना बेहद मुश्किल सा लगता है. प्रकृति का एक ऐसा ही नज़ारा देखने को मिलता है कारपेन्ट्रिया में. दरअसल ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड प्रांत के कारपेन्ट्रिया की खाड़ी में मौसम से जुड़ी ऐसी अजीबोगरीब घटना होती है, जिसके कारण का आज तक पता नहीं चल सका.

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दरअसल यहां धरती के बिल्कुल करीब बादल बनते हैं. हालांकि, माना जाता है कि केप यॉर्क पेनिनसुला में जमीन और समुद्र की खास आकृति इन विचित्र बादलों के बनने में अहम भूमिका निभाती है.

नॉर्थ क्वींसलैंड के बर्केट टाउन में धरती के नजदीक विचित्र बादल बरसात शुरू होने से पहले सितंबर के अंत में और नवंबर की शुरुआत में तैयार होते हैं. इन्हें ‘मॉर्निंग ग्लोरी क्लाउड’ कहते हैं.

धरती से करीब 100 से 200 मीटर की ऊंचाई पर लंबी पतली धारियों के आकार में अजीबोगरीब बादल बनते हैं. ये बादल 1000 किमी तक लंबे और 2 किमी ऊंचे होते हैं. ग्लाइडर्स के पायलट्स को ऐसे बादल खूब आकर्षित करते हैं.

मॉर्निंग ग्लोरी बादल अक्सर खतरनाक विक्षोभ के साथ आते हैं, जब अचानक हवा आवाज करती है, निचले स्तर की हवा तेज होती है और सतह पर दबाव तेज होता है. बादल के सामने की ओर तेज हवा बहती है. बादलों के पीछे जब हवा होती है ये उमड़ने लगते हैं.

सतह पर बादल 60 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवा के साथ उड़ने लगते हैं. इससे बूंदा-बांदी और बिजली की गर्जना भी हो सकती है.

‘मॉर्निंग ग्लोरी क्लाउड’ अमेरिका, इंग्लिश चैनल, म्युनिख, बर्लिन, पूर्वोत्तर रूस और ऑस्ट्रेलिया के मैरीटाइम क्षेत्र में भी कभी-कभार बनते हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड प्रांत के कारपेन्ट्रिया की खाड़ी में नियमित रूप से ऐसे बदल बनते हैं.

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