लखनऊ के इस धाम में भजन-कीर्तन कर रोजा रख रहीं हैं ये पुजारिन
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यहां की पुजारिन शांति देवी ने कहा कि रोजा का सही मायने मन शुद्धि और सुमार्ग पर चलने का सन्देश है, अगर वो करता है तो ठीक है वरना रोजा रखने का कोई मतलब नहीं. व्रत या रोजा से ईश्वर या खुदा से मिलने का जो रास्ता है. अगर उसमे शुद्धि नहीं होगी तो उसका फायदा नहीं है.