समलैंगिकता का कोई ख़ास जीन नहीं होता
सेक्स, जो कि दुनिया का सबसे चर्चित शब्द है और इसमें दुनिया की 99 फ़ीसदी आबादी की दिलचस्पी होती है. इसके बारे में कई ख़्याल, कई धारणाएं ऐसी हैं, जो विज्ञान और रिसर्च के पैमाने पर ग़लत साबित हुई हैं. मगर, ये ख़्याल हैं कि लोगों के ज़ेहन से जाते ही नहीं.
सेक्स के बारे में ऐसी ही मनगढ़ंत बात और सच से आपको रूबरू कराते हैं.
दुनिया में लोगों की बड़ी तादाद ऐसी है जो समलैंगिक हैं. मगर तमाम कोशिशों के बावजूद वैज्ञानिक इसके जेनेटिक्स का पता नहीं लगा सके हैं. यानि इंसान में समलैंगिकता का भाव पैदा करने वाला कोई ख़ास जीन होता है, ऐसा वैज्ञानिक नहीं मानते.
अब तक हुए तजुर्बे बताते हैं कि हमारे माहौल और हमारी ख़्वाहिशों का हमारे ऊपर असर होता है. कुछ लोगों पर इसका ऐसा असर होता है कि उनके भीतर समलैंगिकता की ख़्वाहिश पैदा हो जाती है. इसका पता उनके डीएनए से नहीं लगाया जा सकता.