उफनती गंगा में तैरकर रिकॉर्ड बनाने वाली श्रद्धा एक नए रिकॉर्ड बनाने की ओर निकली है. 12 साल की श्रद्धा इस बार गंगा नदी में तैरकर कानपुर से वाराणसी तक जाएगी. कानपुर में श्रद्धा को ‘जलपरी’ के नाम से जाना जाता है.
कल पूर्व मंत्री राजपाल कश्यप ने कानपुर में तिरंगा झंडा दिखाकर श्रद्धा को गंगा के सफर पर रवाना किया. कुल करीब पांच सौ किलोमीटर की ये दूरी है जो श्रद्धा दस दिनों में तय करेगी..
कल उसने 80 किलोमीटर की दूरी तय की और उन्नाव के बक्सर तक पहुंची. गंगा में तैराकी के दौरान श्रद्धा के साथ नाव पर पूरी टीम है जिसमें लाइफ गार्ड से लेकर खाने पानी तक का सामान है. बारिश के कारण उफनाई गंगा में तैराकी कर रही जलपरी को सुरक्षा भी दी गई है. गंगा में दो नावें उसके पीछे चल रही हैं
इसमें चार नाव चालक, छह लाइफ गार्ड और खाने-पीने का सामान है. किसी भी खतरे के समय श्रद्धा को पूरी मदद की जाएगी. भारत माता और गंगा मइया के जयघोष के बीच रविवार सुबह 11 वर्षीय श्रद्धा शुक्ला कानपुर से रवाना हुईं
कानपुर के मैसेकर घाट से उफनाती गंगा में तैरकर वाराणसी के लिए रवाना हो गई. वह 10 दिनों में कानपुर से वाराणसी के गऊ घाट की 400 किलोमीटर की गंगा यात्रा पूरी करेगी
केवल दो साल की आयु से गंगा की लहरों के बीच अपने दादा मुन्नू शुक्ला से तैराकी सीखने वाली श्रद्धा के पिता ललित गोताखोर हैं. ललित शुक्ला के मुताबिक यूं तो सड़क मार्ग से वाराणसी पास है लेकिन गंगा काफी घूमती हुई पहुंचती है, इसलिए दूरी ज्यादा है. एमएलसी रामपाल कश्यप ने हरी झंडी दिखाकर कर श्रद्धा को रवाना किया.
स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सहारनपुर के डॉ. सुभाष भी टीम में हैं. चार गोताखोर उसके आसपास लगातार तैरेंगे, बाकी चार साथ चल रही नाव में रहेंगे. दो जाल भी साथ रखे गए हैं.