रिसर्च! कैसे लोग लेते हैं समझदारी वाले फैसले…?
एक हालिया अध्ययन में पता चला है कि जिज्ञासा लोगों को होशियारी भरे और स्वस्थ फैसले लेने में मदद करती है. विस्कोन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता इवान पॉलमन ने कहा, “हमारा शोध से पता चलता है कि जिज्ञासा लोगों में उनकी पसंद को चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिससे अस्वास्थ्यकर खाना और स्वचालित सीढ़ियों की जगह उन्हें स्वास्थ्यकर विकल्प जैसे ताजे उत्पाद चुनने और सीढ़िया चढ़ने को प्रेरित करती है.”
पॉलमन और उनके साथियों ने यह जानने के लिए कि जिज्ञासा किस तरह लोगों में किसी वस्तु की पसंद का कारक बनती है, कई परीक्षण किए. हर मामले में जिज्ञासु लोगों की पसंद में खास व्यावहारिक परिवर्तन देखा गया.
अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 200 लोगों को चुना और उन्हें सौभाग्य वाले बिस्कुट-सादे और चॉकलेट वाले बिस्कुट के चुनने का विकल्प दिया.
शोधकर्ताओं ने आधे से ज्यादा सहभागियों को कोई ज्यादा जानकारी नहीं दी गई और आधे को कहा गया कि सादा बिस्कुट खाना सौभाग्य की बात है.
उन सहभागियों से, जिनमें यह कहकर जिज्ञासा जगाई गई कि सादा बिस्कुट खाना सौभाग्य है, उन्होंने करीब 71 प्रतिशत ने सादा बिस्कुट का चयन किया. इसके उलट जिन सहभागियों को कुछ नहीं बताया गया, उनमें से 80 फीसद लोगों ने चॉकलेट वाली बिस्कुट चुनी.
पॉलमन कहते हैं, “लोगों से यह कहकर कि यदि वे सादा बिस्कुट चुनते हैं तो वे उसमें मौजूद सौभाग्य से कुछ सीखेंगे, इसने उनकी जिज्ञासा बढ़ा दी और इसलिए लोगों ने चॉकलेट वाले बिस्कुट की तुलना में ज्यादातर सादे बिस्कुट को चुना.”
शोधकर्ता जिज्ञासा की वजह से व्यवहार में बदलाव की वजह से आश्चर्यचकित नहीं थे, वे पूरी संख्या पर पड़ने वाले प्रभाव से चकित थे.
नतीजे से पता चलता है कि जिज्ञासा के जरिए अंतर डालकर सहभागियों को इच्छित व्यवहार के लिए प्रेरित किया जा सकता है. इस प्रेरणा की वजह से अक्सर लोग इच्छित व्यवहार करने से बचते हैं.