जिम्बाब्वे: रियो से खाली हाथ लौटे खिलाड़ियों को राष्ट्रपति ने भेज दिया जेल

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उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग के बाद जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगावे ने रियो ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं जीत पाने के कारण रियो से लौटे सभी खिलाड़ियों जेल में डाल दिया है.


रॉबर्ट मुगावे ने सनक से भरा फैसला लिया. रियो से जिम्बाब्वे पहुंचने पर खिलाड़ियों को अपने अपने घर भी जाने नहीं दिया गया और हरारे एयरपोर्ट से ही पूरी टीम को गिरफ्तार करा लिया.

मेडल जीतने की जिद लेकर जिम्बाब्वे के 31 खिलाड़ी रियो गए थे. मेडल तो मिला नहीं. सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी भी आठवीं पोजिशन से आगे नहीं बढ़ पाया. राष्ट्रपति मुगावे में पूरी टीम को चूहा नाम दे दिया. मुगावे की चिढ़ इस बात से थी कि पड़ोस का देश बोत्स्वाना भी चौथे-पांचवें नंबर पर पहुंचने में कामयाब रहा.

मुगावे 1980 से जिम्बाब्वे पर राज कर रहे हैं. एक पूरी पीढ़ी मुगावे के राज में निकल गई.

क्या था किम जोंग का फैसला…

किम जोंग ने ओलंपिक में मेडल ना जीत पाने वाले खिलाड़ियों को सजा के तौर पर कोयले के खदान में काम करवाता है साथ ही उनका राशन कम कर दिया देता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तर कोरिया के तानाशाह और क्रुर शासक किम जोंग की जो अपने देश के खिलाड़ियों को इनाम की जगह सजा देने की तैयारी कर रहा है. ऐसा करने के पीछे बताया जा रहा है कि रियो ओलंपिक में उत्तर कोरिया के खिलाड़ियों खराब प्रर्दशन किया है.

जोंग चाहते थे कि खिलाड़ी 2012 के ओलंपिक से भी ज्यादा मेडल जीतें लेकिन खिलाड़ी ऐसा करने में कामयाब नहीं हुए. जोंग ने खिलाड़ियों को रियो ओलंपिक में कम से कम 4 गोल्ड मेडल जितने का टारगेट दिया था.

जोंग को गुस्सा इस बात का भी है कि दक्षिण कोरिया के खिलाड़ियों के मुकाबले उत्तरी कोरिया के खिलाड़ियों का प्रर्दशन कमतर रहा है. रियो ओलंपिक में उत्तर कोरिया ने कुल सात मेडल अपने नाम किए जिसमें से 2 गोल्ड मेडल हैं जबकि दक्षिण कोरिया के खिलाड़ियों ने 21 मेडल जीते जिसमें 9 गोल्ड मेडल है.

इसके अलवा एक मामला और सामने आया है जिसमें एक कोरियाई महिला खिलाड़ी मेडल जीतने के बाद से रियो ओलंपिक में सेल्फी लेते देखी गई लेकिन अब वह मौत की सजा के डर के साए में है. क्योंकि किंम जोंग ने उत्तर कोरिया में सेल्फी और अन्य संचार के साधनों को बैन कर रखा है.

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