बलूचिस्तान का मुद्दा गरमाता जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बलोच और सिंध के नेता पाकिस्तान और चीन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के समर्थन में नारे भी लगाने शुरू कर दिए हैं. लंदन में इसी क्रम में चीन के दूतावास के बाहर बलोच और सिंध नेताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया.
चाइना दूतावास के सामने बलूचिस्तान समर्थकों ने ‘पीएम मोदी फॉर बलूचिस्तान’ और ‘कदम बढ़ाओ मोदी जी हम तुम्हारे साथ हैं’ जैसे नारे लगाए. इसके साथ ही बलोच नेता नूरदीन मेंगाल ने कहा कि पाकिस्तान और चीन की यही नीति है कि जो चीज छीन सकते हो उसे छीनों. बलोच नेता चाइना-पाक आर्थिक गलियारे(सीपीईसी) को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे थे. इस बीच चाइनीज थिंकटैंक ने बलूचिस्तान मामले में भारत को चेतावनी दी है.
इससे पहले पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और बलूचिस्तान के इलाकों में भी जोरदार प्रदर्शन हुए हैं. वहां के लोगों का कहना है कि इस गलियारे की वजह से वहां को लोगों का या इस इलाके का कोई भला नहीं होगा. प्रदर्शन करने वाले 500 से ज्यादा युवाओं को पाक सेना ने गैरकानूनी ढंग से कैद कर रखा था जिसके बाद उनका गुस्सा और फूट पड़ा था.
विश्व सिंधी कांग्रेस के चेयरमैन लाखू लुहाना ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर सीपीईसी को स्वीकार नहीं करेंगे. साथ ही बलोच नेता ने कहा कि पाकिस्तान और चीन को वे बता देना चाहते हैं कि बिना बलोच लोगों की सहमति के वह इस इलाके में कोई काम नहीं कर सकते. वे खुले तौर पर भारत के प्रधानमंत्री के समर्थन में हैं और उनकी मदद की दरकार भी जता चुके हैं.
इससे पहले पीएम मोदी ने लालकिले से बलूचिस्तान और गिलगित का मसला उठाने के साथ ही कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर का मुद्दा अहम है. इसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह का भी बयान आया था कि कश्मीर कोई मसला नहीं बल्कि असली मामला तो पीओके ही है. इस पर पाक काफी तिलमिलाया हुआ है.
इसबीच पाकिस्तान के सिंध प्रांत ने भी आजादी की मांग की है. इसके लिए सिंध प्रांत के लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. साथ ही प्रांत के लोगों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनको भी आजाद कराने की मांग की है. इस वक्त सभी का ध्यान बलूचिस्तान और पाकिस्तान की आजादी पर है लेकिन आजादी का एक बड़ा आंदोलन इस समय सिंध प्रांत में भी चल रहा है.
गौरतलब है कि यहां के लोग चीन और पाकिस्तान के आर्थिक गलियारे के विरोध में भड़क उठे हैं. भारत के साथ इस योजना के खिलाफ खड़े हो गए हैं. बीते गुरूवार को सिंध के कई छोटे बड़े शहरों और दूसरे देशों में बसे सिंध के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए. बता दें कि पाकिस्तान ने यहां पर चीन को बड़े पैमाने पर जमीन मुहैया कराई है जिस पर कथित तौर पर सीपीईसी बनाया जाना है.