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पिता-पुत्री के प्रेम की सबसे ऊंची और अजीब मिसाल! जब पुत्री ने कराया पिता को स्तनपान

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रोम के एक इतिहासकार वलेरियस मैक्सिमस ने अपनी किताब Factorum Ac Dictorum Memorabilium में सदियों पहले एक घटना दर्ज की है. ये घटना नैतिकता के विपरीत होते हुए भी मानवीय मूल्यों पर खरी उतरती है. इसीलिए उसने इसे महान पुण्यशीलता या रोमन सम्मान का नाम दिया है. पुरातन रोम में साइमन नाम के एक बुज़ुर्ग आदमी को आजीवन भूखे रहने की सज़ा दी गई. उसे एक कालकोठरी में बंद दिया गया और सख्त पहरा लगा दिया गया. राजा का हुक्म था कि जब तक ये मर न जाए इसे न तो कुछ खाने को दिया जाए और न कुछ पीने को. यहां तक कि पानी भी नहीं. बूढ़े साइमन की एक बेटी थी जिसका नाम पेरू था. वो राजा के पास फ़रियाद ले कर गई कि मेरे पिता अब ज़्यादा देर तक ज़िन्दा नहीं रहेंगे इसलिए रोज़ाना मुझे उनसे मिलने की अनुमति दी जाए. राजा को इसमें कोई आपत्ति नहीं थी. उसने आज्ञा दे दी परन्तु ये हुक्म भी दिया कि मिलने से पहले पेरू की अच्छी तरह से तलाशी ली जाए ताकि वो कोई भी खाने-पीने का सामान अन्दर न ले जा सके. आज्ञा का पालन किया गया. सैनिक उसकी अच्छी तरह से तलाशी लेते. रोजाना पेरू अपने बूढ़े पिता साइमन से मिलने जाती.

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