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कॉस्टिंग काउच पर टिस्का चोपड़ा की आपबीती

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टिस्का चोपड़ा को बॉलीवुड में बेहतरीन एक्ट्रेसेस में शुमार किया जाता है. उन्होंने बॉलीवुड में अपनी दमदार एक्टिंग के दम पर अलग मुकाम बनाया है. लेकिन उन्होंने यू-ट्यूब के चैनल कम्यून इंडिया के एक प्रोग्राम में अपनी एक्टिंग के शुरुआती दिनों के बारे में जो कहा उसको लेकर बॉलीवुड में दबे-छिपे तौर पर चलने वाले कास्टिंग काउच पर बहस एक बार फिर से शुरू हो गई है. आगे जानें, टिस्का ने बॉलीवुड में कास्टिंग काउच पर क्या खुलासा किया है?

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टिस्का ने शो में कहा कि पहली फिल्म के करने के बाद उनके पास काम नहीं था. उस समय वो बॉलीवुड में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहीं थी.उसी दौरान उनको एक बड़े डायरेक्टर ने फिल्म ऑफर की और टिस्का ने फिल्म साइन भी कर ली. टिस्का का कहना है कि वो फिल्म मिलने से बेहद खुश थी.इसलिए अपने दोस्तों को फिल्म में काम मिलने के बारे में बताया लेकिन उनके दोस्तों ने फिल्म के डायरेक्टर का नाम सुनते ही उसके कैरेक्टर के बारे में टिस्का को बताना शुरू कर दिया.

 

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टिस्का का कहना है कि काम न होने की वजह से उस डायरेक्टर के साथ वो काम करने के लिए तैयार हो गई थी.टिस्का ने आगे कहा कि इंडोर शूटिंग तो बिना किसी दिक्कत के पूरी हो गई लेकिन जब आउटडोर शूट के लिए बाहर गए तो डायरेक्टर की हकीकत सामने आ गई.टिस्का ने वीडियो में उस डायरेक्टर को रेप्टाइल के नाम से संबोधित किया है. टिस्का ने कहा, रेप्टाइल ने एक दिन उससे कहा कि रात होटल के रूम में खाना साथ में खाते हैं स्क्रिप्ट भी डिस्कस कर लेंगे. ये सुनकर टिस्का हैरान रह गई.टिस्का ने बताया कि उस दिन क्रू के सभी लोगों को बाहर खाना खाना था. फिल्म का असिस्टेंट डायरेक्टर रेप्टाइल का बेटा ही था.

 

उन्होंने कहा कि एक प्लान बनाकर वो डायरेक्टर के रूम में उनसे मिलने गई. बड़ा से बूके और चोकलेट्स लेकर जब वो कमरे में पहुंची, तो नज़ारा देख कर हैरान थी. रेप्टाइल चमकदार लुंगी में उनका इंतज़ार कर रहा था. टिस्का ने खुशी से जाकर उनको गले लगाया और उनकी तारीफ करने लगी साथ ही उन्होनें डायरेक्टर को फिल्म देने के लिए शुक्रिया भी कहा. टिस्का के मुताबिक मेरे इस बर्ताव से रेप्टाइल हैरान रह गया. मैं डायरेक्टर के लिए बुके और चॉकलेट्स लेकर भी गई थी. इन सब का दौरान कई कॉल्स आने लगी जिसमें उनके बेटे की भी कॉल थी.

 

बार-बार कॉल्स आने के कारण डायरेक्टर का फितूर उतरने सा लग गया. मैंने उस वक्त चलाकी दिखाते हुए अपने सभी कॉल्स डायरेक्टर के रूम पर ट्रांसफर कर दिए थे.इस दौरान कई बार डायरेक्टर के बेटे का भी कॉल आया और उसने टीम के साथ डिनर के लिए बुलाया.डायरेक्टर के बेटे ने जब पूछा कि आप कहां हैं तो मैंने बताया कि मैं सर के साथ स्टोरी पर बातचीत कर रही हूं. इस दौरान मैंने सर से पूछा कि 10 से 15 मिनट काफी रहेंगे स्टोरी डिस्कस करने के लिए.इसके बाद कुछ कॉल और आएं जिसके बाद उनका सारा फितूर उतर गया. हमने फिर फिल्म की शूटिंग पूरी की और वापस लौट आए.