35 की होने के बाद बनना चाहती हैं मां, तो ये विकल्प अपनाएं!

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अगर आप अपने करियर को लेकर बेहद गंभीर हैं तो अब ऐसी तकनीक आ गई है, जिससे आप अपने अंडाणु फ्रीज कर सकती हैं. चिकित्सकों का कहना है कि विदेशों में 30-40 फीसदी महिलाएं देर से मां बनना पसंद करती हैं और इसके लिए वे अपने अंडाणु फ्रीज कर देती हैं. चिकित्सकों का कहना है कि जानकारी की कमी और सामाजिक बदनामी के कारण भारतीय महिलाएं अंडाणु कम फ्रीज करवा रही हैं.

राजधानी स्थित इंदिरा आईवीएफ की आईवीएफ विशेषज्ञ सागरिका अग्रवाल का कहना है, “अंडाणु फ्रीज करना कामकाजी महिलाओं के लिए वरदान है.”

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लेकिन सामाजिक लांछन और जानकारी की कमी के कारण महिलाएं विदेशों के मुकाबले यहां इसे कम करवा रही हैं.

अग्रवाल ने कहा कि अंडाणु फ्रीज करने की तकनीक आईवीएफ जैसी ही है. उन्होंने कहा, “इसमें मरीज के शरीर में हर्मोन डाली जाती है, ताकि उसके अंडाशय सामान्य से ज्यादा अंडाणु पैदा करें. इस प्रक्रिया के दौरान महिला को मीनूपॉज जैसा अनुभव भी हो सकता है. इसलिए चिकित्सक मरीज पर बारीकी से नजर रखते हैं कि उसके अंडाशय खतरनाक स्तर तक बहुत ज्यादा अंडाणु न पैदा करने लग जाए.”

उसके बाद मरीज को सामान्य बेहोशी की दवा देकर उसके शरीर से अंडे निकाले जाते हैं. इसमें एक अंल्ट्रासाउंड के इस्तेमाल के साथ एक नीडल के प्रयोग से अंडाणु निकाले जाते हैं. यह सूई अंडाशय से अडों को खींच कर बाहर निकाल लेती है.

जब महिला फ्रीज किए गए अंडों का प्रयोग करना चाहती है तो अंडों को कृत्रिम तरीके से गर्म किया जाता है. फिर उसमें शुक्राणु से निषेचन किया जाता है. अग्रवाल बताती है कि अगर फ्रीच किए अंडों का निषेचन सफल होता है और युग्मनज (जायगोट) बनते हैं तो ऐसे दो-तीन युग्मनजों को महिला के गर्भ में डाल दिया जाता है.

राम मनोहर लोहिया अस्पताल की रोग विशेषज्ञ नैना रायचंद का कहना है कि अगर कामकाजी महिला 35 साल की उम्र के बाद मां बनना चाहती है तो अंडे फ्रीज करना बेहतर विकल्प है.

राजचंद कहती है, “जो दंपति बच्चे के लिए तैयार नहीं होते और उसमें विलंब करना चाहते हैं, ताकि जीवन में थोड़ी सफलता हासिल कर लें, फिर बच्चे पैदा करें. उनके लिए यह सर्वोत्तम तकनीक है.”

उन्होंने यह भी कहा कि युवावस्था में अंडे को फ्रीज करना अच्छा विकल्प है. क्योंकि 30 साल के बाद जैसे-जैसे आयु बढ़ती है अंडों की गुणवत्ता कम होती जाती है. वह बताती हैं कि फ्रीज अंडों से गर्भ ठहरने की दर ताजे अंडों के बराबर ही है.

वह कहती हैं, “कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी महिला कर्मचारियों को अंडे फ्रीज करवाने के लिए प्रोत्साहित करने लगी हैं, ताकि उनका कामकाज प्रभावित न हो और महिला को भी अपने करियर को संवारने का मौका मिले.”

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