अचंभा! भारत में आया अनोखा ब्लड ग्रुप सामने, जिसे न पहले कभी किसी डॉक्टर ने सुना और न ही देखा

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आज तक आपने ए, ओ, बी, एओ ब्लड ग्रुप के बारे में सुना होगा. लेकिन, गुजरात के सूरत में एक महिला का अनोखा ब्लड ग्रुप सामने आया है. जिसे देखकर ब्लड बैंक के डॉक्टर भी चौंक गए. अनोखे ब्लड की खोज करने वाले एक ब्लड बैंक के डॉक्टरों का दावा है कि दुनिया में किसी भी इंसान का ब्लड ग्रुप ऐसा नहीं है. दरअसल, हुआ यूं कि पिछले महीने एक मरीज महिला के परिजन सूरत के वराछा इलाके में स्थित लोक समर्पण ब्लड बैंक में ब्लड लेने पहुंचे. लैब में मौजूद महिला डॉक्टरों ने जब ब्लड ग्रुप की जांच करना शुरू किया तो उनके माथे पर पसीना आ गया क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ था जब उस ब्लड सैम्पल का ब्लड ग्रुप मैच नहीं हो पा रहा था.

लिहाजा लैब के प्रमुख डॉक्टर सन्मुख जोशी को बुलाया और उसकी जांच शुरू की गई. डॉक्टर जोशी ने इंटरनेशनल ब्लड ग्रुप रेफरेंस लेबोरेटरी से संपर्क किया. जहां ब्लड की जांच हुई लेकिन उसका कोई ब्लड ग्रुप नहीं मिला. यह ब्लड सैम्पल वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) भेजा गया, जहां इसकी पूरी परख करने के बाद डब्ल्यूएचओ लेबोरेटरी ने इस नए ब्लड ग्रुप को सर्टिफाई किया है.

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अनोखे ब्लड ग्रुप को मिला नया नाम- डब्ल्यूएचओ ने इस ब्लड ग्रुप को आईएनआरए नाम दिया है, जो पहले दो शब्द इंडिया और बाद के दो शब्द ब्लड देने वाली महिला के नाम से लेकर बनाया गया है. हालांकि, रिसर्च के चलते डॉक्टरों ने महिला की पहचान को अभी छिपा रखा है.

अभी रिसर्च जारी- इस अनोखे ब्लड को लेकर लोक समर्पण ब्लड बैंक के प्रमुख डॉक्टर जोशी बताते हैं कि हम ब्लड ग्रुप पर अभी कुछ और रिसर्च कर रहे हैं. यह ब्लड क्यों सबसे अलग है? कैसे बना है? ब्लड सैम्पल जिस युवती का है उसके परिवारवालों के ब्लड की भी जांच जारी है.

दुनिया में इकलौता ब्लड ग्रुप- लैब ने अपनी जांच के बाद इस बात को स्वीकृति दी है कि यह ब्लड ग्रुप पूरी दुनिया में इकलौता है. ऐसे में इस तरह के अनोखे ब्लड ग्रुप होने के चलते व्यक्ति को काफी परेशानी होती है. वो न किसी को अपना खून दे सकता है और ना ही ले सकता है. कभी उसका खुद कोई ऑपरेशन हो तो डॉक्टरों को उसका ही खून पहले लेकर रखना होगा.

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