राहुल की रैली में खटिया की लूट !


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मिशन यूपी के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज अपने किसान रैली की शुरुआत देवरिया में खाट सभा से की. इस सभा के दौरान राहुल ने किसानों की कर्जा माफी और बिलजी का बिल आधा करने की मांग की. लेकिन जैसे ही खाट पंचायत खत्म हुई, उस वक़्त अजीबो गरीब नजारा देखने को मिला. लोगों में खटिया लूटने की होड़ मच गई.

तस्वीरें बता रही हैं कि जैसे ही रैली खत्म हुई, बड़ी संख्या में लोग खाट लूटने में लग गए. अनेक लोग खुद को जोखिम में डालकर खटिया लूटते और भागते देखे गए. जो लोग खटिया लूटने में नाकाम रहे, उनमें काफी गुस्सा देखा गया. वे खटिया तो तोड़ते देखे गए.

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इससे पहले राहुल गांधी ने यूपी की तस्वीर और तकदीर बदलने का वादा किया. आपको बता दें कि राहुल गांधी ने आज देवरिया टू दिल्ली किसान यात्रा की शुरुआत की है. इसके तहत 39 जिलों में खाट सभा की जानी है. इस किसान यात्र में 2500 किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली पहुंचेगे.

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देवरिया के रुद्रपुर विधानसभा सीट के पचलड़ी गांव में खटिया बिछाई गई है. इंतजार है तो राहुल गांधी और उनको सुनने के लिए आने वाली जनता का. लोकसभा चुनाव में मोदी चाय पर चर्चा करके चुनाव लड़े थे और चुनाव जीतकर पीएम बन गए. अब राहुल गांधी ने यूपी का चुनाव लड़ने के लिए खटिया को चुना है. राहुल गांधी की पंचायत खटिए पर होगी. न जाने इस खटिया पर राहुल गांधी के बैठने से चुनाव किस किस की खटिया खड़ी होने वाली है.

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यूपी कांग्रेस के ट्वीटर पेज पर पार्टी की इस रैली को लेकर कहा गया, “राहुल गांधी जी, रोज़ ‘खाट सभा’ में लोगों की समस्याओं पर चर्चा करेंगे. #देवरिया_से_दिल्ली की तैयारी पूरे ज़ोर पर है. किसानों को उनका हक़ दिलाने के लिए राहुल गांधी संग आज से शुरू हो रही है #देवरिया_से_दिल्ली किसान यात्रा.”

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आज से राहुल गांधी की किसान यात्रा शुरू होने वाली है. राहुल गांधी देवरिया से दिल्ली तक किसान यात्रा करेंगे. यात्रा की शुरूआत खटिया पंचायत से होगी. पचलड़ी गांव में 200 खटिए पहुंचाए जा चुके हैं. सत्तासी इण्टर कॉलेज के परिसर में खटिए बिछा भी दिए गए हैं.

राहुल की खटिया पुराने ज़माने वाली ही है जिसमे लकड़ी के चार पाए है और बॉस की पाटी लगी है. जूट की रस्सी की जगह कुछ नए तरह की रंगीन गोल्डन और सिल्वर रंग की चमकदार रस्सी है. सुबह-शाम, रात खटिए के साथ गुजारने वाले गांव के लोगों को खटिए पर बैठकर राहुल गांधी को सुनने में क्या आनंद आएगा, ये तो पता नहीं लेकिन राहुल के रणनीतिकारों ने राहुल के आनंद का इंतजाम जरूर कर दिया है.

वैसे राहुल गांधी गांवों में अक्सर जाते रहे हैं. कभी जमीन पर बैठे कभी दरी पर. कभी प्लास्टिक की कुर्सी पर तो कभी खटिया पर भी. लेकिन इस बार देवरिया में खटिया के नाम पंचायत की गई है.जिस इलाके में और जिन किसानों से राहुल गांधी चर्चा करने वाले हैं उनके लिए खटिया कोई नई बात नहीं है.

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गांव में खटिया की बड़ी अहमियत होती है. सोने और आराम के तो काम आती ही है. संपन्नता और शासन की भी प्रतीक रही है. घर आए मेहमान को बैठने के लिए खटिया बिछाने का मतलब सम्मान देना है. खटिया पर बैठकर हुक्का की गुड़गुड़ के साथ गांवों के इस देश में न जाने कितने फैसले हुए और हो रहे हैं. गांव में दबंगई की प्रतीक है खटिया. गरीब आदमी खटिये पर सोता है तो गांव का ठाकुर अपना शासन खटिये से ही चलाता है.

सलाहकारों ने राहुल गांधी की महफिल सजाने के लिए खटिए का टोटका तो ठीक चुना है लेकिन खटिया पंचायत का असर तभी दिखेगा जब राहुल विरोधियों की खटिया खड़ी कर पाएंगे.

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