चाणक्य नीति – शेर से सीख लें ये एक बात, कामयाबी चूमेगी आपके कदम

किसी भी कार्य में सफलता इस बात पर निर्भर होती है कि आपका प्रयास कैसा है? लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आप किस प्रकार कार्य कर रहे हैं? जीवन में हर कदम कामयाबी चाहिए तो आचार्य चाणक्य की ये नीति अपनानी चाहिए. आचार्य कहते हैं- प्रभूतं कायमपि वा तन्नर: कर्तुमिच्छति. सर्वारम्भेण तत्कार्यं सिंहादेकं प्रचक्षते.. यदि किसी व्यक्ति को अपना लक्ष्य प्राप्त करना है तो उसे चाहिए वह पूरी शक्ति लगाकर कार्य करें. ठीक उसी तरह जैसे कोई शेर अपना शिकार

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ये तीन लोग हमेशा दुख देते हैं – चाणक्य

आचार्य चाणक्य ने तीन प्रकार के ऐसे लोग बताए हैं जिनसे किसी भी प्रकार का व्यवहार करने पर दुख ही प्राप्त है. अत: इन लोगों से हमेशा दूर रहना ही बुद्धिमानी है. मूर्खाशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च. दु:खिते सम्प्रयोगेण पंडितोऽप्यवसीदति.. इस श्लोक का अर्थ है कि मूर्ख शिष्य को उपदेश देने पर, किसी व्यभिचारिणी स्त्री का भरण-पोषण करने पर और दुखी व्यक्तियों के साथ किसी भी प्रकार का व्यवहार करने पर दुख ही प्राप्त होता है. आचार्य कहते हैं कि किसी भी

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