रंगों का महत्व – जानिए क्यों रंग हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं

रंग सिर्फ आँखों को ही नहीं, दिल को भी छूते हैं। जब आप लाल लाल बैंडन या पीले चमकीले हलवे देखते हैं, तो तुरंत एक भावना जुड़ती है। यही कारण है कि भारत में हर त्यौहार, हर ceremony में रंगों का खास महत्व होता है। इस लेख में हम रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में रंगों की भूमिका को आसान भाषा में समझेंगे।

रंगों का सांस्कृतिक महत्व

भारतीय परम्परा में हर रंग का अपना मतलब है। लाल को शौर्य, ऊर्जा और शादी‑शुदा जोड़े की खुशहाली माना जाता है। इसलिए शादी में दूल्हा‑दुल्हन दोनों को लाल पोशाक या लाल सिंदूर दिया जाता है। पीला सूर्य का रंग है, इसे धन‑समृद्धि और ज्ञान से जोड़ा जाता है, इसलिए कई बार घर में पीले रंग की दीवारी या दीया जलाते हैं। हरा प्रकृति, नई शुरुआत और स्वास्थ्य का प्रतीक है; त्योहारों में हरे पेड़, पत्ते और हरे कपड़े अक्सर देखे जाते हैं। काली रंग को आमतौर पर शक्ति और सुरक्षा के रूप में माना जाता है, इसलिए कई रीति‑रिवाज़ में काली वस्तुएँ रखी जाती हैं।

ये मान्यताएँ सिर्फ कहानियों तक सीमित नहीं, बल्कि रोज़ के व्यवहार में भी दिखती हैं। जैसे गणेश चतुर्थी पर गजले की बांस की कड़ी को हरा‑भूरे रंग में सजाया जाता है, या होली में रंगों की गड़बड़ी में लोग आपस में गीले‑भीगे हो जाते हैं। इन रंगों से न सिर्फ़ माहौल में उत्साह आता है, बल्कि लोगों के बीच जुड़ाव भी बढ़ता है।

रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में रंग

रंग हमारे माहौल, मूड और यहाँ तक कि स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं। घर के अंदर हल्की नीली या सफ़ेद दीवारें रखो, तो कमरे की रोशनी बढ़ती है और मन शांत रहता है। ऑफिस में हल्का हरा रंग तनाव कम करता है, इसलिए कई कंपनियां ऐसी रंग‑पैलट चुनती हैं। कपड़ों में भी रंगों की चुस्ती महत्वपूर्ण है; गर्मियों में हल्के रंग के कपड़े ठंडक देते हैं, जबकि सर्दियों में गहरे रंग गर्मी रखवाते हैं।

भोजन में भी रंग का खेल चलता है। लाल मिर्च, हरा धनिया, पीला हल्दी – ये सब न सिर्फ़ स्वाद बल्कि पोषण भी देते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि नीले और बैंगनी रंगों वाले फल‑सब्ज़ी में एंटीऑक्सीडेंट अधिक होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं। इसलिए सफ़र से पहले रंग‑भरे भोजन चुने, तो स्वास्थ्य भी बढ़िया रहता है।

ट्रैफ़िक सिग्नल में भी रंगों की अहम भूमिका है। लाल = रुको, पीला = सावधान, हरा = आगे बढ़ो। ये सरल कोड हर रोज़ लाखों लोगों को सुरक्षित रखता है। यही कारण है कि रंगों को चुनते समय स्पष्टता और विरोधाभास को ध्यान में रखा जाता है।

तो अब जब भी आप कोई नई चीज़ देखें, चाहे वह कपड़ा हो, दीवार या खाना, तो उसके रंग के पीछे छुपे अर्थ को समझिए। यही छोटी‑छोटी समझदारी हमारी संस्कृति को और भी रंगीन बनाती है।

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