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हमेशा यादगार होते हैं जीवन के वो पहले पल

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जिंदगी बहुत छोटी होती है, उसमें ऎसे अनगिनत पल आते हैं, जिन्हें संभालना हमारे लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है. उन ढेर सारे पलों से हम कुछ खास पलों को ही चुनते हैं, जिन्हें हम ताउम्र याद रख सकें. वो बेहद खास पल होते हैं, जब हम कोई भी काम “पहली” बार क रते हैं. अपनी हिचक, शर्म, घबराहट को छोड़ पहली बार जब कोई काम करते हैं तो वो लम्हा हमारे लिए बेहद खास हो जाता है. आइए जानते हैं, जिंदगी के ऎसे ही प्यारे पल, जब जिंदगी फिर से नई लगने लगती है. आपकी जिंदगी में भी ये सब पहली बार हुआ होगा.

जब होता है पहला प्यार

पहला प्यार जिंदगी में अपना एक महत्व रखता है. चाहे वह प्यार माता-पिता, ब्वॉयफ्रेंड, पति या फिर आपका पालतू जानवर से हो. वह हमेशा याद रहता है. पहले प्रेम की याद हमेशा दिल में रहती है, और जीवन को आखिरी क्षण तक धड़काती रहती है.

स्कूल का पहला दिन…

याद करिए, जब पापा-मम्मी का हाथ पकड़े छोटे-छोटे कदमों से डरे-सहमे पहली बार स्कूल गए थे. परिवार की देहरी को लांघ कर सामाजिकता का पाठ पढ़ने के लिए पहली बार स्कूल जाना हर किसी के लिए बेहद खास पल होता है. बड़े होने पर यही वो याद होती है, जो आपके चेहरे पर एक हल्की-सी मुस्कान ला देती है. पहली बार अनजाने लोगों के बीच जाना, उनसे तालमेल करना, ककहरा के साथ-साथ “जिंदगी का ककहरा” भी सीखना. शायद ही आप स्कूल का पहला दिन कभी भूल पाएंगे.

पहला बार कविता लिखना

पहली बार जब अपने मनोभावों को कागज पर कविता के रूप में उतारते हैं तो वो पहली कविता कितनी खास बन जाती है, हमें पता भी नहीं चलता है. भले ही उस कविता में शब्द संयोजन, वाक्य विन्यास का नामो-निशां नहीं हो, पर वो हमारे लिए बेहद खास होती है, क्योंकि पहली बार अपनी खुशी, गम, उत्साह जैसे भावों को हम कागज पर उतारते हैं.

पहली बार अकेले

घर में हमेशा प्यार और दुलार मिलने के साथ ही हर चीज आसानी से मिल जाती है, लेकिन जब आप पहली बार परिवार से दूर किसी शहर में पढ़ाई या नौकरी के सिलसिले में जाते हैं तो वो दौर बहुत खास होता है. उस समय आप पहली बार अपने आप से लड़ना सीखते हैं, कम जरूरतों में रहना सीखते हैं, जीवन क्या होता है उसकी कड़वी सच्चाई आपको पहली बार पता चलती है. पहली बार का “अकेलेपन का” यह अनुभव ही आपको परिपक्व इंसान भी बनाता है.

पहली बार मां बनना

एक महिला की जिंदगी का वो लम्हा बेहद खास होता है, जब वो एक नई जिंदगी को जिंदगी देती है. वो लम्हा महिलाएं मरते दम तक नहीं भूल पाती हैं। मां बनना अपने आप में एक सुखद अहसास है. स्त्री जब अपने हाथों में अपनी नन्ही-सी जान को लेती है तो उस क्षण वो प्रेग्नेंसी के सारे दर्द भूल जाती है. वो लम्हा सदा के लिए उसकी आंखों में कैद हो जाता है, क्योंकि वो बच्चा न केवल उसे पहली बार मां बनाता है, बल्कि वह उसके और उसके हमसफर के प्यार की निशानी भी होती है. साथ ही उसे पूर्णता का अहसास भी मां बनने के बाद ही होता है.

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