अब गे कपल भी बन सकेंगे पैंरट्स !

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अब गे कपल भी अपने जैविक बच्चे को जन्म दे सकेंगे. नए रिसर्च के मुताबिक गे कपल भी अब पैरंट्स बन सकते हैं. एक प्रजनन तकनीक के जरिए कोशिश की जा रही कि इंसान को दो पिताओं के स्पर्म या दो माताओं के एग्स को इस्तेमाल करने को सक्षम बनाया जाए. इसके जरिए गे कपल अपनी संतान पैदा कर पाएंगे. इस तकनीक के माध्यम से एक पैरंट्स के दो से ज्यादा बच्चे जन्म ले सकते हैं.

आवीजी (इन विट्रो गेमटॉजिनेसस) सेक्स सेल्स को युग्म के रूप में देखता है. पुरुषों के स्पर्म और महिलाओं के एग्स को स्टेम सेल्स से उत्पन्न किया जाएगा. यह तरीका चूहों में बेहद उपयोगी साबित हुआ है लेकिन ह्यूमन सेल्स में अभी प्रभावी नहीं है. रिसर्च का कहना है कि आईवीजी प्रजनन तकनीक एक दिन इंसानों पर भी कामयाब होगा. अभी एग डोनेशन और सरोगेसी का दरवाजा गे पुरुषों के लिए खुला है. इससे एग डोनेशन के जरिए एक पार्टनर का जैविक बच्चा तो होता है लेकिन दूसरे की कोई भूमिका नहीं होती.

यह लेजबियन और स्पर्म डोनर्स के लिए उपयोगी है. लेकिन प्रफेसर सोनिया स्यूटर ने बताया कि आईवीजी में जिस प्रजनन तकनीक की बात हो रही है उसमें सेम सेक्स कपल में डोनर्स के जरिए बाइपास किया जा सकता है. उदाहरण के तौर पर विपरीत लिगों के स्पर्म या एग्स से इंडिविजुअल सेल्स उत्पन्न किया जा सकता है. इस कॉम्बिनेशन के माध्यम से सेक्स सेल को दूसरे मेंबर से उत्पन्न किया जाएगा और कपल भ्रूण उत्पन्न करने में सक्षम होगा.

जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की प्रफेसर स्यूटर ने कहा, \’आवीजी के माध्यम से सेम सेक्स कपल्स में दोनों के जैविक बच्चे को पैदा करने की संभावना बढ़ गई है. आईवीजी में दोनों कपल की भूमिका संभव है. दो से ज्यादा लोगों के ग्रुप्स (चाहे सभी पुरुष हों, सारे महिला हों या फिर एक कॉम्बिनेशन हो) साथ में जन्म दे सकते हैं. ये बच्चे उन सब के आनुवंशिक संतान होंगे. और अंतत: सिंगल इंडिविजुअल्स बिना किसी आनुवांशिक योगदान के दूसरे इंडिविजुअल से बच्चा पैदा कर सकते हैं. इसे सोलो आईवी कहा जा सकता है.

प्रफेसर स्यूटर ने कहा, आईवीजी के जरिए प्रजनन में सुधार की भी संभावना है. अनचाही बीमारियों या उसके लक्षण की स्थिति में इसकी क्षमता काफी मददगार साबित होगी. मानव शरीर में इसका इस्तेमाल करने के लिए भी व्यापक विकास की जरूरत है. इसके साथ ही एक सैद्धांतिक द्वंद्व भी है कि ऐसा हो जाएगा तो किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. इससे सेम सेक्स के लोगों को फायदा होगा जो महिलाएं शारीरिक मजबूरियों के कारण गर्भ धारण नहीं कर सकती हैं उनके लिए भी फायदेमंद है.

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