एयरटेल की TRAI से गुहार, जियो की मुफ्त कॉल की सुनामी से बचने के लिये


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टेलिकॉम कंपनी भारती एय़रटेल ने टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई से ये सुनिश्चित करने की अपील की है कि जियो के मुफ्त कॉल की सुनामी से विभिन्न नेटवर्क पर किसी भी तरह का बुरा प्रभाव नहीं पड़े. हालांकि एय़रटेल ने 31 दिसंबर तक जरुरत के मुताबिक इंटरकनेक्ट प्वाइंट मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है जिससे जियो के ग्राहकों को बातचीत में परेशानी नहीं हो.

एय़रटेल, वोडाफोन, आइडिया और रिलायंस जियो के अधिकारियों ने शुक्रवार को ट्राई के साथ बैठक की. ट्राई की ओर से बुलायी इस बैठक का विषय रिलायंस जियो और बाकी टेलिकॉम ऑपरेटर के बीच इंटरकनेक्ट प्वाइंट को लेकर उठे विवाद को सुलझाना था. जियो का आरोप है कि बाकी टेलिकॉम कंपनियां पर्याप्त संख्या में इंटरकनेक्ट प्वाइंट नहीं दे रही जिससे उसके ग्राहको को भारी तादाद में कॉल ड्रॉप की समस्या झेलनी पड़ रही है. उधर, बाकी टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि टेस्ट के दौरान जितनी संख्या में इंटरकनेक्ट प्वाइंट मुहैया कराए जा सकते हैं, वो किए जा चुके हैं.

जियो की सेवाएं 5 सितम्बर से शुरु हुई है जिसमें वेलकम ऑफर के तहत 31 दिसम्बर तक सभी डाटा मुफ्त रहेगी. व्हाइस कॉल पर कभी पैसा नहीं नहीं देना होगा. उधर, बाकी टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि मुफ्त में दी गयी सेवा को व्यावसायिक नहीं माना जा सकता. साथ ही मुफ्त सेवा से जियो के कनेक्शन से की गयी कॉल की संख्या बेतहाशा बढ़ जाएगी जिससे उनके नेटवर्क पर दवाब बढ़ेगा.

इंटरकनेक्ट प्वाइंट के जरिए ही मोबाइल से की गयी कॉल पूरी हो पाती है. अगर किसी टेलिकॉम ऑपरेटर को दूसरे टेलिकॉम ऑपरेटर पर्याप्त संख्या में इंटरकनेक्ट प्वाइंट मुहैया नहीं कराते हैं तो पहले टेलिकॉम ऑपरेटर के ग्राहक के लिए कॉल पूरा करना संभव नहीं और फिर समस्या होती है कॉल ड्रॉप की.

बैठक में विभिन्न पक्षों ने अपनी-अपनी बात ट्राई के सचिव सुधीर गुप्ता के सामने रखी. अब इस मामले में एक और बैठक अगले हफ्ते ट्राई अध्यक्ष आऱ एस शर्मा के साथ होगी जिसमें कोई नतीजा नहीं निकल सकता है फिलहाल, शुक्रवार की बैठक में सेल्यूलर कंपनियों के संगठन सीओएआई को भाग नहीं लेना दिया गया. सीओएआई का आरोप है कि ऐसा जियो के कहने पर ट्राई ने किया. हालांकि जियो ने सीओएआई के आरोप को नकार दिया. ध्यान रहे कि बीते कुछ दिनों से सीओएआई ने जियो के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और प्रधानमंत्री कार्यालय तक गुहार लगायी है.

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एय़रटेल का बयान

इस बीच एय़रटेल ने एक बयान जारी कर ट्राई की पहल का स्वागत किया. उसने कहा कि उसने हमेशा से ही हमेशा से ही सभी ऑपरेटर को इंटरकनेक्ट प्वाइंट मुहैया कराए हैं. साथ ही सभी रेग्युलेटरी दिशानिर्देशों और लाइसेंस की शर्तों का पालन किया. उसका दावा है कि बीते सालो के दौरान बाजार में आए किसी भी ऑपरेटर को परेशानी नहीं हुई.

कंपनी की अपील है ट्राई इंटर कनेक्ट यूजर चार्ज यानी आईयूसी पर माकूल तरीके से चर्चा करे. साथ ही वो ये सुनिश्चित करे कि सेवा की कीमत टेलिकॉम टैरिफ ऑडर्र के 30 वें संशोधन के मुताबिक हो. 16 जनवरी 2004 से प्रभावी टेलिकॉम टैरिफ ऑडर्र का 30 वां संशोधन सेवा की कीमत को आईयूीस के मुताबिक बनाता है. साथ ही ये भी तय होता है कि चार्ज बिना भेदभाव करने वाला या किसी को नुकसान नहीं पहुंचाने वाला होता है

कंपनी का कहना है कि 1 जनवरी 2017 से रिलायंस जियो की पूर्ण रुप से व्यावसायिक सेवा शुरु होने के बाद चार्ज संतुलित हो जाएंगे और इंटरकनेक्ट प्वाइंट कोई मुद्दा नहीं रहेगा. फिर भी, एय़रटेल ने भरोसा दिलाया है कि अभी से लेकर 31 दिसंबर तक जियो के साथ हुए समझौते के मुताबिक जरुरत के मुताबिक इंटरकनेक्ट प्वाइंट मुहैया कराने की कोशिश होगी जिससे ग्राहकों को परेशानी नहीं हो. फिर भी उसने ट्राई से मुफ्त कॉल की सुनामी से विभिन्न टेलिकॉम नेटवर्क को बचाने की गुहार लगायी है. उसका मानना है कि इस मामले मे आईयूीस प्रभावी माध्यम हो सकता है. उसे उम्मीद है कि आईयूसी को न्यायोचित इस्तेमाल होगा.

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