ये आदिवासी करते हैं गोरे बच्चे का स्वागत और काले बच्चे को मार देते हैं पैदा होते ही, लेकिन क्यों ?

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आपने आदिवासियों में प्रचलित कई प्रथाओं के बारे में सुना होगा. आज आपको इनकी एक ऐसी प्रथा के बारे में बताने जा रहे है जो हर किसी को लगेंगी अजीब.

दरअसल, ये हत्यारे कोई और नहीं, बल्कि उन्हीं के संप्रदाय के लोग हैं. पुलिस के सामने परेशानी यह है कि वह इस आदिवासियों को सुरक्षा दे या फिर इनपर कार्रवाई करें. कहा जाता है कि अंडमान के आदिवासियों में ये एक प्रथा है, जिन बच्चों को मारा जाता है उनकी मां या तो विधवा होती हैं या पिता दूसरे समुदाय से होते हैं. अगर कोई बच्चा काले रंग का ना होकर थोड़ा भी साफ रंग का पैदा होता है, तो उसे भी मार दिया जाता है. क्योंकि वो दूसरे समुदाय का लगता है.

पिछले कुछ महीनों में यहां ऐसे बच्चों की हत्या के कुछ मामले सामने आए हैं. अंडमान पुलिस के सामने मुश्किल यह है कि वह शिकायत पर एक्शन ले या फिर ट्राइब की परंपरा को बनाए रखे. जारवा ट्राइब के कुछ बच्चों की हत्या के मामले सामने आए हैं. शिकायत के बावजूद हत्यारों पर कार्रवाई नहीं होती है. पिछले साल नवंबर में एक बच्चे की हत्या के बाद आई विटनेसेस ने पुलिस को पूरी जानकारी दी, लेकिन अपनी जाति के शख्स पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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