टीम इंडिया के टी20आई कप्तान सूर्यकुमार यादव का बल्लेबाजी फॉर्म अब सिर्फ सवाल नहीं, बल्कि चिंता का विषय बन गया है। 29 अक्टूबर, 2025 को कैनबेरा के मैनुका ओवल पर शुरू होने वाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टी20आई सीरीज से पहले, 35 साल के यादव का प्रदर्शन अचानक गिर गया है। जुलाई 2024 में कप्तानी संभालने के बाद से उन्होंने सिर्फ 330 रन बनाए हैं, और एशिया कप 2025 में तो सात पारियों में केवल 72 रन ही बनाए — औसत 18.00 के साथ।
कप्तानी के बोझ और फॉर्म की गिरावट
यादव ने अपने बल्ले के साथ अब तक कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं किया। एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ 47 रन का अच्छा सामना एकमात्र रोशनी थी, जिसमें उन्होंने मैच जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लेकिन उसके बाद फिर शून्य, फिर एक-दो रन। इस तरह की लगातार गिरावट तब और भी गहरी लगती है जब आप एक समय थे जिन्होंने टी20आई में नंबर वन बल्लेबाज का खिताब जीता था।
यादव ने खुद को बचाते हुए कहा, "मैं बहुत मेहनत कर रहा हूँ। घर पर कुछ अच्छे सत्र रहे, यहाँ भी दो-तीन अच्छे सत्र हुए। मैं अच्छी स्थिति में हूँ। रन जरूर आएंगे, लेकिन टीम के लिए क्या जरूरी है, उस पर ध्यान देना ज्यादा महत्वपूर्ण है।" लेकिन यह बात किसी के लिए बस बहाना नहीं लगती — जब आप कप्तान हैं, तो रन बनाना एक जिम्मेदारी बन जाती है।
अभिषेक नायर का स्पष्ट विश्लेषण
पूर्व भारतीय सहायक कोच अभिषेक नायर ने इस मुद्दे पर एक स्पष्ट और साहसिक राय रखी। "ऑस्ट्रेलिया की स्थितियाँ सूर्यकुमार के लिए एक अवसर हैं," उन्होंने JioStar के साथ बातचीत में कहा। "यहाँ की गति और बाउंस उनकी बल्लेबाजी शैली के लिए परफेक्ट है। वे लेट शॉट्स, ड्राइव्स और विकेट के पीछे के शॉट्स बनाने में माहिर हैं। अगर वे इस तरह के मैदानों पर अपना निर्माण कर लें, तो यह सीरीज उनके लिए रिवर्स बन सकती है।"
लेकिन नायर ने एक चेतावनी भी जोड़ी: "उनका वर्तमान प्रदर्शन उनकी क्षमता का पूरा अनुमान नहीं लगाता। अगर टीम जीत रही है, तो लोग इसे नजरअंदाज कर देंगे। लेकिन अगर टीम के नतीजे खराब हुए, तो सवाल सीधे उनके बल्ले पर आएंगे। और यह सवाल अंदर से आएंगे — टीम के अंदर, बोर्ड के अंदर।"
स्क्वाड का चुनाव: एक अच्छी समस्या?
यादव ने स्क्वाड चुनाव के बारे में भी बात की — जिसे उन्होंने "एक अच्छी समस्या" बताया। "टीम के शीर्ष से लेकर नंबर 7 तक, हर कोई कहीं भी बल्लेबाजी कर सकता है। यह चुनाव करने में थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन हमारी टीम में ऐसा माहौल है कि सब जानते हैं — हमारा लक्ष्य जीतना है।" उन्होंने मजाक में कहा, "मैं हर किसी के साथ अच्छा दोस्त बना हुआ हूँ। जब कोई खिलाड़ी स्क्वाड में नहीं होता, तो बातचीत आसान हो जाती है।"
लेकिन यह बात बहुत ज्यादा आसान नहीं है। जब आप एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिसने कभी दुनिया का नंबर वन बल्लेबाज होने का दर्जा पाया है, तो उन्हें बाहर रखना किसी भी कप्तान के लिए दिल तोड़ने जैसा होता है। और अगर वह खिलाड़ी खुद कप्तान है, तो यह दुविधा और भी गहरी हो जाती है।
फील्डिंग में गिरावट: एक और चिंता
यादव ने फील्डिंग के बारे में भी ईमानदारी से बात की। "कैच गिर जाते हैं। बल्लेबाज आउट हो जाता है, गेंदबाज विकेट नहीं लेता — यह खेल का हिस्सा है। लेकिन अगला कदम क्या है, वही असली बात है।" उन्होंने बताया कि एशिया कप के दौरान टीम ने कई बार आसान कैच गिरा दिए। इसलिए फील्डिंग सत्र अनिवार्य न होने के बावजूद, पूरी टीम ने इसमें भाग लिया।
इस बात का मतलब स्पष्ट है — टीम के अंदर कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया के मैदान तेज हैं, कैच लेने में तेजी और निर्णय लेने की तीव्रता चाहिए। एक गलती एक विकेट बन सकती है। और जब आप एक ऐसी टीम के साथ खेल रहे हैं जिसके पास जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ी हैं, तो फील्डिंग एक बड़ा फायदा बन सकती है।
स्क्वाड और सीरीज का शेड्यूल
भारत का 16 सदस्यीय स्क्वाड है: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, नीतिश कुमार रेड्डी, शिवम दूबे, अक्षर पटेल, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव, हर्षित राणा, संजू समसन (विकेटकीपर), रिंकू सिंह और वाशिंगटन सुंदर।
सीरीज का शेड्यूल इस प्रकार है:
- पहला टी20आई: 29 अक्टूबर, मैनुका ओवल, कैनबेरा
- दूसरा टी20आई: 31 अक्टूबर, मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड
- तीसरा टी20आई: 2 नवंबर, बेलेरिव ओवल, होबर्ट
- चौथा टी20आई: 6 नवंबर, गोल्ड कोस्ट स्टेडियम
- पांचवां टी20आई: 8 नवंबर, द गैब्बा, ब्रिस्बेन
क्या आगे क्या है?
अगर सूर्यकुमार इस सीरीज में अच्छा फॉर्म में वापस आ गए, तो यह टीम के लिए एक बड़ी जीत होगी। लेकिन अगर वे फिर से असफल रहे, तो यह सवाल उठेगा — क्या टीम को एक नए कप्तान की जरूरत है? शुभमन गिल तो तैयार हैं। और यह सिर्फ कप्तानी का मुद्दा नहीं, बल्कि भारत के टी20आई भविष्य का मुद्दा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सूर्यकुमार यादव का फॉर्म इतना खराब क्यों है?
सूर्यकुमार यादव ने जुलाई 2024 के बाद से कप्तानी संभाली है, और इस दौरान उन्होंने केवल 330 रन बनाए हैं। एशिया कप 2025 में उनका औसत 18.00 रहा, जो उनकी पिछली शानदार रफ्तार के मुकाबले बहुत कम है। वे अब तक किसी भी पारी में 50+ का स्कोर नहीं बना पाए हैं, जो उनके रिकॉर्ड के अनुरूप नहीं है। इसके पीछे कारणों में बल्लेबाजी की रफ्तार में धीमापन, दबाव और बाहरी शर्तों का असर शामिल है।
ऑस्ट्रेलिया की जमीन सूर्यकुमार के लिए फायदेमंद कैसे हो सकती है?
ऑस्ट्रेलिया के मैदान तेज बाउंस और गति के लिए जाने जाते हैं, जो सूर्यकुमार की लेट शॉट्स, ड्राइव्स और विकेट के पीछे के शॉट्स के लिए परफेक्ट हैं। उनकी बल्लेबाजी शैली भारतीय मैदानों पर निर्भर नहीं है, बल्कि तेज गेंदों के खिलाफ अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई है। अभिषेक नायर के मुताबिक, यह सीरीज उनके लिए एक रिवर्स बन सकती है अगर वे अपनी तकनीक को ठीक से लागू करें।
अगर सूर्यकुमार फिर से असफल रहे, तो क्या शुभमन गिल को कप्तान बनाया जाएगा?
हाँ, शुभमन गिल एक बहुत ही विकल्प हैं। उन्होंने इस साल टी20आई में अच्छा स्कोर किया है और उनकी बल्लेबाजी शैली भी अच्छी तरह से बाहरी मैदानों पर काम करती है। बोर्ड अब तक उन्हें अपने नेतृत्व के लिए तैयार रखा है। अगर सूर्यकुमार का फॉर्म लगातार खराब रहा, तो टीम इंडिया के लिए एक नए नेता की तलाश शुरू हो सकती है — और शुभमन गिल उस नाम के ऊपर सबसे बड़ा उम्मीदवार हैं।
टीम इंडिया की फील्डिंग की समस्या क्या है?
एशिया कप 2025 में टीम इंडिया ने कई आसान कैच गिरा दिए, जिससे कई मैचों में फायदा छूट गया। फील्डिंग सत्र अनिवार्य न होने के बावजूद, पूरी टीम ने इसमें भाग लिया, जो इस बात का संकेत है कि टीम इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। ऑस्ट्रेलिया के तेज मैदानों पर एक गलती भी एक विकेट बन सकती है, इसलिए फील्डिंग में सुधार जरूरी है।
सूर्यकुमार यादव के लिए यह सीरीज क्यों इतनी महत्वपूर्ण है?
यह सीरीज सिर्फ एक श्रृंखला नहीं, बल्कि उनके करियर का एक मोड़ हो सकती है। अगर वे इस दौरान अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो वे अपनी बल्लेबाजी की आत्मविश्वास को वापस पाएंगे और टीम के लिए एक बड़ा नेता बनेंगे। लेकिन अगर वे फिर से असफल रहे, तो उनकी कप्तानी के भविष्य के बारे में सवाल उठेंगे — और यह उनके टी20आई करियर के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है।
टीम इंडिया के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह सीरीज क्यों महत्वपूर्ण है?
यह सीरीज भारत के लिए विश्व कप 2026 के लिए एक बड़ा परीक्षण है। ऑस्ट्रेलिया एक बड़ा प्रतिद्वंद्वी है, और उनके खिलाफ बाहरी मैदानों पर जीत टीम के लिए आत्मविश्वास का बहुत बड़ा बूस्ट होगा। इसके साथ ही, टीम के नेतृत्व, फील्डिंग और बल्लेबाजी गहराई का भी परीक्षण होगा — जो विश्व कप में निर्णायक होगा।