भारत में हर मौसम में कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। ये सिर्फ़ मज़ा नहीं, परिवार, समाज और संस्कृति को जोड़ते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि कौन‑से प्रमुख हिन्दू त्यौहार हैं और उन्हें कैसे मनाते हैं, तो पढ़ें आगे।
दीपावली – अंधकार के ऊपर प्रकाश की जीत का जश्न। घरों में दीप जलते हैं, मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं और पताखों की आवाज़ से रात रोशन हो जाती है। एक बात याद रखें: पटाखे जलाते समय सुरक्षा का ध्यान रखें, बच्चों को दूर रखें और पर्यावरण‑मित्र विकल्प चुनें।
होली – रंगों का त्योहार। लोग एक‑दूसरे पर गुलाल, पानी और रंग लगाते हैं। होली से पहले 'हुआँ' बनाए जाते हैं, जिसमें गुजिया, दही‑भल्ला जैसे स्नैक्स होते हैं। साफ़ पानी और प्राकृतिक रंग इस्तेमाल करने से त्वचा पर अलर्जी कम होती है।
नवरात्रि / दुर्गा पूजा – माँ दुर्गा की नौ रातें। रोज़ एक नई रूप की पूजा करके शक्ति को सम्मानित किया जाता है। इस दौरान उपवास, आरती और गरबा‑डांडिया जैसे नाच होते हैं। मन चाहती चीज़ों के लिए देवी माँ से विनती करते समय सच्चे दिल से इच्छा लिखें।
रक्षा बंधन – भाई‑बहन के प्यार की कड़ी। बहन अपने भाई की कलाई पर कढ़ाई से बंधन बनाती है, जबकि भाई उसे उपहार और सुरक्षा का वचन देता है। छोटे‑छोटे तोहफ़े जैसे मिठाई या किताबें भावनाओं को और गहरा बनाते हैं।
जन्माष्टमी – भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन। घघरा बजते हैं, फुसका और रासलीला माँजते हैं, और रात में बंसी की ध्वनि सुनी जाती है। घर में दही‑हांडी या मक्खन की सम्पूर्णता को सम्मान देते हैं।
हर त्यौहार का अपना विशेष व्यंजन, सजावट और नियम होते हैं। इनको सही तरीके से अपनाने से उत्सव और भी खुशहाल बनता है। उदाहरण के तौर पर, पसंदीदा पकवान बनाते समय स्वच्छता पर ध्यान दें और बड़े बर्तन का उपयोग करके हल्का रखरखाव करें।
सजावट में पर्यावरण‑मित्र सामग्री जैसे कागज़, कपड़ा और फलों से बनाए गए सजावटी सामान चुनें। इससे स्वच्छता बनी रहती है और जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक असर पड़ता है।यदि आप बाहर से मिठाई या सजावट खरीदते हैं, तो स्थानीय व्यवसायियों को समर्थन जरूर दें। यह न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है, बल्कि आप अपने त्यौहार को और भी खास बनाते हैं।
अंत में, ध्यान रखें कि त्यौहार का मूल उद्देश्य खुशी बाँटना और आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त करना है। चाहे आप किसी भी प्रदेश या समुदाय से हों, इन रीति‑रिवाजों को अपनाकर अपने रिश्तों को सुगम और जीवन को रंगीन बनाएं।
नवरात्रि में प्रत्येक दिन के लिए निर्धारित रंग न केवल पोशाक को सजाते हैं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा को भी बढ़ाते हैं। इस लेख में हम रंगों की वैज्ञानिक आधारशिला, उनके चक्र संबंध और प्रत्येक देवी के साथ उनका तालमेल बताते हैं। जानिए कैसे सही रंग चुनकर आप अपने मन और शरीर को शक्ति प्रदान कर सकते हैं।