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शादी से क्यों भागते हैं मर्द ?

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क्या आपको भी दूसरों की तरह यही लगता है कि मर्द शादी से कतराते हैं? यह एक आम धारणा बन चुकी है कि पुरुष रिश्ता तो बहुत आसानी से बना लेते हैं लेकिन जब बात कमिटमेंट या शादी की होती है तो वे डगमगाने लगते हैं.

हालांकि इस बात को सभी मर्दों के लिए समान रूप से नहीं कहा जा सकता. यह बात पूरी तरह उस शख्स के व्यवहार और शादी को देखने के उसके नजरिए पर निर्भर करती है. कुछ मर्दों को शादी एक वरदान नजर आती है और कुछ के लिए यह फांसी के फंदे से कम नहीं होती.

हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि समय के साथ हर किसी के विचार और सोच में बदलाव आ जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि किसी अनचाहे डर और असुरक्षा की भावना के चलते भी लोगों के विचारों में शादी को लेकर नकारात्मक‍ता आ जाती है.

पर इस असुरक्षा और डर के अलावा और भी कई कारण हैं तो मर्दों की इस सोच को प्रभावित करते हैं-

1. कमिटमेंट
कई मर्दों को कमिटमेंट करने से बहुत डर लगता है. उन्हें लगता है कि कमिटमेंट करके वे बंध जाएंगे. इसके चलते कई बार उनको कमिटमेंट फोबिया हो जाता है.

2. जिम्मेदारी
कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें जिम्मेदारियां उठाना पसंद नहीं होता. उन्हें आजाद जिन्दगी पसंद होती है. उन्हें लगता है कि शादी करने के बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाएगी और वे अपने लिए पूरा वक्त नहीं निकाल पाएंगे.

3. आजादी
आजादी हर किसी को चाहिए होती है लेकिन आजादी को लेकर मर्दों की सोच थोड़ी अलग होती है. उन्हें लगता है कि शादी हो जाएगी तो वे न तो अपने दोस्तों के साथ रातभर बाहर घूम सकेंगे और न ही पार्टी कर सकेंगे. उनके लिए उनकी आजादी बहुत मायने रखती है. इस वजह से भी वे शादी से कतराते हैं.

4. ईमानदारी
कई मर्दों को यह भी चिंता होती है कि कहीं अगर वे पूरी ईमानदारी न बरत पाए तो…? कई ऐसे भी होते हैं जिनको ऐसा लगता है कि वे जिन्दगीभर बस एक पार्टनर के लिए लॉयल नहीं रह पाएंगे.

इसके अलावा अगर किसी शख्स के जीवन में शादी को लेकर कुछ कड़वे अनुभव रहे हों तो भी वह शादी करने से झिझकता है.

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