सेक्स के धंधे में हो रहा अब सोशल मीडिया का इस्तेमाल

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एक तरफ जहां दुनिया डिजिटल तकनीक के जरिये तरक्की के नित नए रास्ते खोजने में जुटी हुई है, वहीं देह व्यापार जैसे घिनौने धंधे से जुड़े लोग अपने फायदे के लिए इसका जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. अपने घिनौने धंधे को आगे बढ़ाने के लिए ये लोग ऑनलाइन प्रमोशन व सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं. उनके लिए व्हाट्सऐप, फेसबुक व ट्विटर बहुत काम के साबित हो रहे हैं. दिल्ली व एनसीआर में गैरकानूनी रूप से चालू कई एस्कॉर्ट एजेंसियां इसका भरपूर फायदा उठा रही हैं.

मेलटुडे ऑनलाइन की खबर के अनुसार, देह व्यापार से जुड़े लोग तेजी से तकनीक का सहारा ले रहे हैं. इनसे जुड़े एजेंट्स अब व्हाट्सऐप जैसे सोशल ऐप का इस्तेमाल करके अपना काम आसानी से कर रहे हैं. एजेंट्स का दावा है कि इसकी वजह से पब्लिक प्लेस पर ही मीटिंग करना व लड़कियों को चुनना बेहद आसान हो गया है.

मेलटुडे ऑनलाइन ने दिल्ली के एक एस्कॉर्ट एजेंसी से जुड़े एजेंट के हवाले से बताया है कि अब व्हाट्सऐप पर ही भारतीय व विदेशी मॉडल्स को एस्कॉर्ट के तौर पर उपलब्ध कराया जा रहा है. एजेंट ने दावा किया कि इन ऐप्स पर होने वाली बातचीत को पुलिस पकड़ नहीं सकती. इसके साथ ही उसने व्हाट्सऐप पर बात करते हुए बताया कि ग्राहक को जरूरत के हिसाब से ही लड़कियों की तस्वीरें व प्रोफाइल भेज दी जाती है. इससे साफ है कि ऐसी एजेंसियों की आड़ में ही देह व्यापार का धंधा फल-फूल रहा है.

एजेंट ने लड़कियों की कीमतों के बारे खुलासा किया कि अफगानिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान, यूरोप व थाईलैंड की गोरी चमड़ी वाली लड़कियों के लिए फीस भारतीय लड़कियों की अपेक्षा ज्यादा होती है. विदेशी लड़कियों के लिए कम समय के लिए 5 से 10 हजार रुपये तक की फीस लगती है जबकि पूरी रात के लिए 15 से 20 हजार रुपये देने होते हैं.

मेलटुडे की पूरी छानबीन में पता चला कि व्हाट्सऐप के जरिये सीधे ग्राहकों को बुलाकर एजेंट पकड़े जाने के जोखिम को कम कर देते हैं. एजेंट्स के अनुसार, भेजी जाने वाली लड़कियां उनके साथ या पास नहीं रहती हैं. ये सभी दिल्ली के पॉश इलाकों में किराये के घरों में रहती हैं और सोशल मीडिया के इस्तेमाल से इनसे संपर्क साधा जाता है. ऐसा कर वे पुलिस सर्विलांस से खुद को बचाते हुए काम को आसान बना लेते हैं.

आभासी दुनिया में अपनी जगह बनाने व अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एस्कॉर्ट एजेंसियों ने वेबसाइट्स बना ली हैं. इनसे ही उनकी सर्विस व संपर्क नंबर मौजूद रहते हैं. गूगल में खोजने पर इस तरह की सैंकड़ों एजेंसियों के नाम आसानी से मिल जाते हैं.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, ऐसी वेबसाइट्स पूरे दिल्ली में प्रचलित हों लेकिन इनके ठिकाने पॉश इलाकों में मौजूद हैं और वहीं से अपना काम करते हैं. दिल्ली के ग्रेटर कैलाश, लाजपत नगर, साकेत, महिपालपुर, पहाड़गंज, सरिता विहार, करोलबाग, पटपड़गंज, लक्ष्मीनगर, पीतमपुरा और जनकपुरी से देह व्यापार का घिनौना धंधा चलता है.

छानबीन में पता चला कि लड़कियों की कीमत प्रोफाइल के हिसाब से तय की जाती है. एजेंसियां एस्कॉर्ट के नाम पर छात्राओं से लेकर एक्ट्रेसेज, एयर होस्टेस व मॉडल्स को भी उपलब्ध करवाती है. सामान्य तौर पर एक रात के लिए इनकी फीस दो हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक हो सकती है.

दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के अधिकारी भी मानते हैं कि इस धंधे में शामिल लोगों ने ऑनलाइन भी अच्छी पकड़ बना ली है. वे तकनीक का काफी इस्तेमाल करने लगे हैं वे कहते हैं कि जब भी हमें इस तरह की शिकायत मिलती है या कुछ आम लड़कियों की तस्वीरों को गलत तरीके से फेसबुक पर पोस्ट कर दिया जाता है, तब हम ट्विटर या फेसबुक से उन्हें हटाने के लिए कहते हैं. पुलिस अधिकारी दबी जुबान में मानते हैं कि भले ही पुलिस इस तरह की वेबसाइट्स की निगरानी करने का दावा करती है, लेकिन नतीजे कुछ खास नहीं हैं.

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