फलों से हो सकता है बांझपन का इलाज
अश्वगंधा एक ऐसी जड़ है जो भारत में काफी मात्रा में पाई जाती है. इस जड़ में कुछ ऐसे चमत्कारी तत्व होते हैं जो महिलाओं और पुरुषों दोनों की है प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है. अश्वगंधा के प्रयोग से शरीर में अंतःस्त्रावी ग्रंथियों का काम सुचारू रुप से चलता रहता है. इसके अलावा ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है.
इसके अलावा रसभरी नाम के फल की पत्तियां भी महिलाओं में बांझपन को कम करती है. इसके अलावा ये अव्यवस्थित हार्मोन को भी सामान्य करता है. जड़ के रुप में पाई जाने वाली बिच्छू बूटी भी ऐसी स्थिति में काफी कारगर है. बिच्छू बूटी का प्रयोग चाय के रुप में किया जाता है. वो महिलाएं जो गर्भधारण करना चाहती हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि इस जड़ की बनी चाय दिन में 2-3 बार पीएं.
इसके अलावा भारत में मिलने वाली लाल तिपतिया घास भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने का काम करती है. इसका प्रयोग महिलाओं में बांझपन के इलाज के लिए किया जाता है. लेकिन ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिला को इस जड़ के प्रयोग की मनाही है.