ये उद्योगपति अपनी पूरी संपत्ति का 75 फीसदी हिस्सा दान करेंगे

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प्रसिद्ध कंपनी एलएनटी के प्रमुख एएम नाईक अपनी कुल संपत्ति का 75 फीसदी हिस्सा दान करेंगे. अपने पद से मुक्त हो रहे नाईक ने यह घोषणा की है. बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टॉर्बो के मुखिया ए. एम. नाईक ने एक इंटरव्यू में इस दान को अपनी व्यक्तिगत इच्छा बताया. नाईक ने बताया कि उनके पिता और दादा के पास पैसे नहीं थे और उन्होनें अपना जीवन गरीबी में बिताया इसलिए उन्होनें अपनी कुल कमाई का 75 फीसद हिस्सा दान में देने का फैसला किया है.

नाईक ने दो चैरेटी संगठन की शुरुआत की है. एक चैरेटी ट्रस्ट में वे बच्चों की शिक्षा और कौशल विकास के लिए काम करेंगे. जबकि दूसरा ट्रस्ट निर्मल मेमोरियल मेडिकल ट्रस्ट गरीबों के इलाज संबंधित कार्य करेगा. इस ट्रस्ट का नाम उन्होंने अपने पोती के नाम पर रखा हैं जिसकी मौत 2007 में कैंसर से हो गई थी.

सूत्रों के मुताबिक यह कोई नई बात नहीं हैं. नाईक काफी वक्त से सामाजिक कार्यों के लिए दान करते रहे हैं और वो 1995 से अब तक करीब 125 करोड़ रुपए दान कर चूके हैं. गुजराती मूल के नाईक के एनजीओ में उनकी बहन भी उनकी मदद करती हैं. फिलहाल वे स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण में व्यस्त हैं.

नाईक के मुताबिक वे अपनी जन्मभूमि और कर्मभूमि के लिए काम करना चाहते हैं. एलएनटी की कामयाबी और विस्तार में नाईक का काफी योगदान रहा हैं. इस कंपनी में उन्होंने 1965 में बतौर जूनियर इंजीनियर शुरुआत की थी. 1999 में वे कंपनी के सीईओ बने. 2003 में तरक्की पाकर चैयरमैन बने. 2012 में उनके चैयरमैन का कार्यकाल बढ़ा दिया गय़ा था. अपने लंबे करियर के बाद नाईक ने पदमुक्त होने का फैसला किया. वे 2017 में एलएनटी को अलविदा कह देगें.

नाईक के फैसले के बाद डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर एसएन सुब्रमण्यम सितंबर 2017 से एलएनटी में उनकी जगह लेंगे. सूत्रों के मुताबिक कंपनी की कामयाबी के लिए नाईक बतौर नॉन एक्सक्यूटीव चैयरमेन संस्थान से जुड़े रहेंगे. एलएनटी को ग्लोबल मार्केट में इस मुकाम पर पहुंचाने का श्रेय भी नाईक को ही जाता है.

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