पार्टनर के तनाव को यूं ही दूर कर सकते हैं आप लेकिन…

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बहुत से लोग अक्सर चिंतित रहते हैं और कुछ वक्त बाद ये एक बीमारी भी बन जाती है. हमें मालूम नहीं होता कि इस तरह के मानसिक तनाव से कैसे निजात पाना हैं. सामान्यत यह 6 तरह से होता है. सामाजिक तनाव, डर, दर्द, अक्सर पूर्व में घटित कोई भयानक घटना दिमाग में चलती रहती हैं. अगर आपके दोस्त या आप-पास के लोग भी कुछ इसी तरह की स्थिति से गुजर रहे हैं तो आप भी उन्हें इन परेशानियों से आसानी से निजाक दिला सकते हैं.

ज्यादा करीब होने से बचें- अगर ऐसे हालात में आप किसी से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं या किसी के करीब हैं तो ये उसके लिए सही नहीं होगा. इस चीज से उभारने के लिए आपको उसके ज्यादा करीब होने से बचना होगा. क्योंकि ऐसे हालात से पीड़ित व्यक्ति अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाते हैं.

अच्छा श्रोता बनना होगा- अच्छे दोस्त के नाते आपको उसे सलाह दे सकते हैं और उसकी बातों को ज्यादा से ज्यादा सुनें.

इलाज में मदद करे- इस तरह की बीमारी में बहुत कम लोग सॉइकेट्रिस्ट या सॉइकोलोजिस्ट के पास जाते हैं. ऐसे में आपका दायित्व बनता है कि आप ऐसे लोगों को डॉक्टर तक ले जाए, उन्हें भावनात्मक सपोर्ट दें. इस बीमारी के इलाज से आप अपने करीबी को एक बेहतर जिंदगी जीने में मदद कर सकते हैं.

भावनाओं को महत्व दें- इस बीमारी से गुजर रहा आपका दोस्त आपसे अगर अपनी परेशानियों को शेयर करता हैं तो उसे सुने ना कि जस्ट चिल और कॉम डाउन जैसे शब्दों का इस्तेमाल करें. आप उन्हे साथ में घुमने के लिए भी ऑफर कर सकते हैं.

अपने तनाव को भी निपटाएं- जब आप ऐसे व्यक्ति के साथ हैं जो इस तरह की बीमारियों से गुजर रहा हैं तो स्वाभाविक है कि आप पर भी इसका असर पड़ सकता हैं ऐसे में जरुरी है कि आप अपने स्वास्थय पर ध्यान देना होगा और हर वक्त अपने करीबी के पास रहने की जरुरत भी नहीं होगी.

धैर्य रखे- अपने करीबियों का ध्यान रखते हुए आपको धैर्य रखना होगा क्योंकि ठीक होने में यह कई बार कुछ हफ्तों से लेकर महीने भर का वक्त ले लेता है. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कौन सी बाते उन्हें इससे उभारने में कारगर साबित हो रही हैं.

बीमारी की बात किसी से शेयर ना करें- हमारे देश में ज्यादातर इस तनाव को मानसिक बीमारी मानी जाती है जबकि ऐसा नहीं हैं. ऐसे हालात में हमें उस व्यक्ति कि इच्छा के बगैर किसी से उसकी परेशानियों की बात साझा नहीं करनी चाहिए.

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