अभी कई घरों में दूध की कीमत बढ़ गई है और सब परेशान हैं। अगर आप भी इस बदलाव को समझना चाहते हैं, तो पढ़िए इस लेख को। हम सादे शब्दों में बताएँगे कि कीमत क्यों बढ़ी, इसका असर क्या है और आप पैसे बचाने के लिए क्या कर सकते हैं।
सबसे पहले, उत्पादन लागत बढ़ी है। खेती में बीज, खाद, पानी और मशीनरी की कीमतों में साल दर साल इजाफा हुआ है। जब किसान को लागत ज्यादा होती है, तो वह दूध की कीमत में इजाफा करके अपना घाटा भरते हैं।
दूसरा, मांग‑सप्लाई का असंतुलन है। शहरी क्षेत्रों में दूध की मांग बढ़ी है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार उत्पादन घट जाता है। इस असंतुलन से कीमत में उछाल आता है।
तीसरा, नीति‑परिवर्तन का असर है। सरकारी सब्सिडी में कटौती या नई टैक्स नीति भी कीमत को प्रभावित करती है। इन नियमों में बदलाव अक्सर अचानक होते हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता रहती है।
जब कीमत बढ़ती है, तो परिवार का बजट पर असर पड़ता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए पोषण बनाये रखना मुश्किल हो जाता है। लेकिन कुछ छोटे‑छोटे कदमों से आप खर्च घटा सकते हैं।
1. स्थानीय दुधाने वाले से खरीदें – मध्यस्थ हटाने से कीमत में 10‑15% की बचत हो सकती है।
2. बड़े पैकेज में खरीदें – कई दुकानों में 1 लीटर की बजाय 5‑लीटर के जार में कम कीमत होती है।
3. दही और छाछ बनाकर बचत करें – दूध को अलग‑अलग उपयोग में बांटने से हर लीटर की लागत कम हो जाती है।
4. सस्ते विकल्पों पर विचार करें – अगर दूध महँगा है, तो पनीर, दही या पाउडर दूध को वैकल्पिक रूप में इस्तेमाल करें। ये अक्सर अधिक किफायती होते हैं।
5. स्थानीय सरकारी योजना देखें – कई राज्य सरकारें नई माताओं और गरीब परिवारों को रियायती दूध देती हैं। यह जानकारी आपको नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या पंचायत से मिल सकती है।
ध्यान रखें, महँगा दूध खरीदने से पहले हमेशा दाम की तुलना करें। कई बार एक ही ब्रांड के अलग‑अलग स्टोर पर कीमत में काफी अंतर होता है।
यदि आप एक परिवार चलाते हैं, तो हर महीने का दूध बजट लिखिये और उसी पर टिके रहें। जब कीमत बढ़े तो प्लान बनाकर पहले से ही तैयार रहेंगे।
आखिर में याद रखें, दूध की कीमत में उतार‑चढ़ाव हमेशा रहेगा, लेकिन सही जानकारी और थोड़ी स्मार्ट शॉपिंग से आप इस बढ़ोतरी को कम कर सकते हैं। अभी से इन टिप्स को अपनाएँ और पैसे बचाएँ।
अमूल ने 1 मई 2025 से सभी दूध वेरिएंट पर लीटर당 2 रुपये की कीमत बढ़ा दी, जो जून 2024 के बाद पहली बार है। यह 3‑4% का बढ़ाव है, जो भोजन महँगाई से कम है, लेकिन 36 लाख किसानों की लागत बढ़ने से जरूरी माना गया। नई कीमतों में अमूल गोल्ड 67 रुपये, ताज़ा 55 रुपये, बफ़ेलो 73 रुपये आदि शामिल हैं। माँटर डैरी ने भी समान कदम उठाया, जबकि सितंबर में पैकेज्ड दूध पर जीएसटी छूट मिलने से यूएचटी दूध की कीमतों में हल्की राहत की उम्मीद है।