महिलाओं में बढ़ा मल्टीपल पार्टनर का ट्रेंड

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मल्टीपल पार्टनर रखने में महिलाएं अब पुरुषों से पीछे नहीं रही हैं लेकिन सेक्स एजुकेशन के मामले में वे अभी भी बेहद पिछड़ी हुई हैं. इस वजह से उनमें सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के केस बढ़ रहे हैं. दिल्ली में भी हालात चिंताजनक हैं.

ई-हॉस्पिटल मैडीएंजेल डॉट कॉम ने 20 शहरों में एक सर्वे किया. सर्वे से प्राप्त आंकड़े चौंकाने वाले हैं. इन आंकड़ों को देखते हुए स्वास्थ्य एवं मानव संसाधन मंत्रालय से सेक्स एजुकेशन को बढ़ावा देने और जागरूकता कार्यक्रम चलाने संबंधी प्रस्ताव भेजे हैं.

मैडीएंजेल डॉट कॉम की इस रिपोर्ट से पता चलता है कि देश में तलाक की बढ़ती संख्या के पीछे शारीरिक संबंधों से असंतुष्ट‍ि एक बड़ा कारण है. 20 शहरों में 20 से 65 साल के 6500 लोगों के बीच कराए गए इस सर्वे की रिपोर्ट चौंकाने वाली है.

इसके मुताबिक, 20 से 30 फीसदी तलाक के पीछे सेक्सुअल लाइफ में असंतुष्ट‍ि एक बड़ा कारण हैं. इसमें इम्पोटेंसी और इनफर्टि‍लिटी प्रमुख हैं. वहीं दूसरी ओर मल्टीपल पाटर्नर रखने में अब महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. जहां 23.6 फीसदी पुरुषों ने मल्टीपल पार्टनर रखने की बात स्वीकार की, वहीं 17.6 फीसदी महिलाओं ने भी माना कि वे अपने पार्टनर को धोखा दे रही हैं. उन्होंने पति के अलावा और मर्दों से संबंध होने की बात भी स्वीकारी.

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सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि सेक्स एजुकेशन के मामले में अभी भी महिलाओं का ज्ञान आधा अधूरा है. भारत में लड़कियों के लिए शादी करने की कानूनी उम्र 18 साल है. रिपोर्ट के मुताबिक 18 साल की होने के बाद ही महिलाओं को सेक्स से जुड़ी कुछ बेसिक जानकारी पता चलती है. यह काफी खतरनाक हैं क्योंकि इससे असुरक्षित संबंधों की आशंका बढ़ जाती है.

रिपोर्ट में इस बात पर खास चिंता जताई गई है कि जिस तेजी से लोगों में, खासकर महिलाओं में, सेक्स संबंधी रिश्तों को लेकर खुलापन आ रहा है उसके मुकाबले उन्हें सेक्स एजुकेशन नहीं मिल पा रही है. महिलाएं इसमें अभी भी बहुत पिछड़ी हुई हैं, जिससे यौन संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं.

मैडीएंजेल डॉट कॉम के सीईओ कामडा देवराज के अनुसार, सेक्सुअल एजुकेशन के अभाव में एड्स, हैपिटाइटिस और यौन रोग जैसी बीमारियां बढ़ने का पूरा खतरा है. उनके अनुसार देश में सेक्स एजुकेशन और हेल्थ के प्रति लोगों की जागरूकता जानने के लिए भी यह सर्वे किया गया.

दिल्ली और कई महानगरों में स्थिति कुछ बेहतर है. यहां सेक्स संबंधी समस्याओं को लेकर महिलाएं जागरुक हो रही हैं और सलाह के लिए विशेषज्ञों के पास पहुंच रही हैं. हालांकि मल्टीपल पार्टनर की टेंडेंसी भी महानगरों में ही बढ़ रही है.

सेक्सोलाॅजिस्ट डॉक्टर डी एन वडरा के अनुसार, अब महिलाएं भी अपनी समस्याएं लेकर आती हैं और पुरुषों की तुलना में वे खुलकर बातें करती हैं.

इसमें कोई दो राय नहीं कि सेक्स एजुकेशन अब भी लोगों के लिए एक टैबू है. लोग सेक्स से जुड़ी समस्याओं के लिए डॉक्टर के पास जाने की बजाय खुद तक ही रखते हैं. इससे असुरक्षित यौन संबंधों की वजह से होने वाली समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं.

देश में एक हजार से भी कम ऐसे डॉक्टर हैं जिन्हें इस विषय में महारत है. रिपोर्ट में सरकार से इस तरफ ध्यान देने की भी अपील की गई है.

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