जानें कैसे होती है नपुंसकता
प्रजनन क्षमता में कमी होना किसी की गलती नहीं होती. यह एक रोग है जो किसी को भी हो सकता है. दुनिया के दस फीसदी दंपतियों संतानोत्पत्ति में परेशानी होती है. जहां तक पुरुषों की बात है, तो उनमें प्रजनन संबंधी सबसे सामान्य समस्या, चलायमान और सामान्य शुक्राणुओं के उत्पादन में कमी होना होती है.
हालांकि पुरुषों में प्रजनन क्षमता में कमी होने के कई संभावित कारण हो सकते हैं और अधिकतर मालमों में सटीक निदान संभव नहीं है. क्योंकि पुरुष बांझपन के निदान और इलाज को लेकर अभी तक पूरी तस्वीर साफ नहीं है, इसलिए अधिकतर मामले प्रयोगाश्रित ही रह जाते हैं. इसलिए कोई आश्चर्य नहीं कि गंभीर पुरुष बांझपन के उपचार का मुख्य आधार अब भी सहायता प्रजनन और विशेष रूप से शुक्राणु इंजेक्शन (आईसीएसआई) की तकनीक ही है.
पुरुष बांझपन के कुछ सामान्य कारण
टेस्टिकुलर कैंसर
बहुत कम मामलों में ऐसा देखा जाता है कि जब किसी दंपती को गर्भधारण में परेशानी होती है, तब टेस्टिकुलर कैंसर का निदान करना पड़े. अंडकोष में बढ़ने वाला यह जानलेवा ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट कर देता है. यदि समय रहते इसकी पहचान न की जाए, तो यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है.
डायबिटीज
कई शोध इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि डायबिटीज शुक्राणुओं के स्तर को नुकसान पहुंचाता है. इससे शुक्राणुओं के चाल और गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ता है.
सर्जरी अथवा चोट
अंडकोषों पर गंभीर चोट भी शुक्राणुओं के स्तर को नुकसान पहुंचाती है. कई बार यह परिस्थिति पुरुष बांझपन तक पहुंच सकती है. खेल अथवा दुर्घटना के कारण अंडकोषों को रक्त पहुंचाने वाली नसों को नुकसान होता है. इसके साथ ही अंडकोषों की सर्जरी अथवा हर्निया का ऑपरेशन भी पुरुष में वीर्य उत्पादन की क्षमता को नुकसान पहुंचाता है.
शारीरिक असामान्यताएं
कभी-कभार संभोग के दौरान स्खलित हुए पुरुष वीर्य में शुक्राणु नहीं होते. हालांकि, ऐसा बहुत कम मामलों में होता है. ऐसा यूरेथ्रा वास अथवा एपिडेमिस में ब्लॉक अथवा किसी अन्य समस्या उत्पन्न होने के कारण होत है. इससे वीर्य में शुक्राणु नहीं मिल पाता.
अधिक तनाव
बहुत अधिक तनाव, थकान और अल्कोहल का सेवन भी कामेच्छा पर नकारात्मक असर डालते हैं. अभी हाल ही तक नपुसंकता के अधिकतर कारणों को मनोवैज्ञानिक समझा जाता था, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता. नयी दवाओं से तनाव आदि को दूर किया जा सकता है और इससे नपुसंकता को भी काबू किया जा सकता है.