बिना सेक्स किए यूं पाएं सेक्स का आनंद

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मैजिक ट्रिक्स और एलियंस पर अगर आपको भरोसा है तो आपको कुछ ऐसी बातों पर भी भरोसा करना होगा जिसको प्रयोग में लाने से ऑर्गेज्म को बढ़ाया जा सकता है.

वूमेन्स हेल्‍थ ने एक ऐसी सूची जारी की है जिन्हें अपनाकर आप आसानी से सेक्स के बिना भी ऑर्गेज्म पा सकते हैं. विशेषज्ञों की मानें ये बातें सिर्फ कोरी कल्पना नहीं बल्कि वैज्ञानिक तौर पर आजमाए गए ‌फॉर्मूले हैं जिन्हें रिसर्च के बाद सही पाया गया है.

इंडिआना यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सेक्सुअल हेल्थ प्रमोशन में कुछ महिलाओं ने वर्क आउट के दौरान o के बारे में बताया. यानी महिलाओं को वर्कआउट के दौरान ऑर्गेज्म हुआ। वैसे ये कोई जादुई तकनीक नहीं है लेकिन व्यायाम और योग से ऑर्गेज्म को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है.

कोरिगैज्म (Coregasm) मूव
अगर आप कोरिगैज्म (Coregasm) मूव करेंगे तो उससे भी ऑर्गेज्म पा सकते हैं. इसमें आपको पुलअप बार से लटकना होगा ठीक वैसे ही जैसे झूले पर दोनों हाथों से लटका जाता है. उसके बाद पूरी तरह सीधे रहें. इसके बाद पैर और कमर को सीधा रखते हुए पैर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं. ऐसा 15 से 20 बार करने से आपको ऑर्गेज्म प्राप्त होगा.

योगैज्म (Yogasm) मूव
योगैज्म मूव से भी ऑर्गेज्म को पा सकते हैं. इसमें आप पेट के बल लेट जाएं और अपनी हथेलियों को मैट पर रखें. सांस अंदर लें और अपनी छाती को ऊपर करें. इस क्रिया के दौरान आपका प्यूबिक बोन मैट के पास ही होना चाहिए. इस क्रिया में अपनी सांसों को सात से दस सेकंड्स तक रोक के रखें और इस क्रिया को कम से कम तीन बार करें.

रात में सेक्स के जरिए आसानी से ऑर्गेज्म पाया जा सकता है. लेकिन यदि आपके पास पार्टनर नहीं है तो आप अपनी गुड नाइट को नाइट ऑर्गेज्म में बदल सकते हैं। आप सेक्सी सपनों के सात सोएं. इससे आपके शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ेगा. दरअसल, जब आप सबसे ज्यादा ड्रीम देखती हैं तो वैजाइना में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है जिससे ऑर्गेज्म प्राप्त होता है.

निप्पलगैज्म (NIPPLEGASMS)
यदि आप बिना पार्टनर के सेक्स का अनुभव करना चाहती हैं या फिर ऑर्गेज्म पाना चाहती हैं तो अपने ब्रेस्ट के निप्पल से ऐसा आसानी से कर सकती हैं. इसके लिए आपको अपने निप्पल्स को सहलाते हुए धीरे-धीरे रगड़ना होगा. इससे आपमें उत्तेजना पैदा होगी.
दरअसल, उत्तेजित अवस्था में निप्प्लेस से ऑक्सीटोसिन (oxytocin) निकलता है जो ठीक वैसा ही होता है जो गर्भाशय और वैजाइना के सिकुड़न के समय होता है, इससे वैजाइना में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता और महिलाएं ऑर्गेज्म तक पहुंच जाती हैं.