कान छिदवाने के पीछे छिपे हैं ये वैज्ञानिक कारण
कान छिदवाने से जुड़े वैज्ञानिक कारण
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कान छिदवाने की परंपरा इंडिया में काफी पुरानी है. इसके पीछे कई सारी मान्यताएं और रीति-रिवाज हैं, लेकिन अब इंडिया में ही नहीं और भी कई देशों में भी लोग कान छिदवा रहे हैं. महिलाएं तो कान छिदवाती थीं लेकिन अब फैशन के चक्कर में पुरुष भी इसे अपनाने लगे हैं. कान छिदवाने के पीछे हर किसी के अपने विचार है, कुछ लोग कुछ मानते है कि ये एक्युपंचर का विशेष बिंदु होता है जिसका इस्तेमाल उपचार के महत्व से किया जाता है, वहीं कुछ का मानना हैं कि लोग सिर्फ सौंदर्य कि दृष्टि से ही कानों को छिदवाते है. लेकिन यह सिर्फ परंपरा नहीं हैं बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी जुड़े हैं. जीं हां हिन्दूधर्म ही विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म है जिसकी परंपराएं 'विज्ञान पर आधारित' है.
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