डॉक्टर्स को कभी रात में तो कभी दिन में सर्जरी करनी पड़ती है. ये उस समय की स्थिति पर निर्भर करता है कि सर्जरी किस समय होगी. लेकिन सर्जरी को लेकर एक बेहद चौंकाने वाली रिसर्च सामने आई है जिसके मुताबिक, सर्जरी रात के बजाय दिन में करवानी चाहिए क्योंकि रात में सर्जरी करवाने वाले मरीजों की मौत का जोखिम सामान्य से दोगुना हो जाता है. जानिए, सर्जरी पर हुई ये दिलचस्प रिसर्च और क्या कहती है.
रिसर्च के मुताबिक, जिन मरीजों का ऑपरेशन दिन की बजाय रात में होता है, उनकी मौत की आशंका दोगुनी होती है. इस शोध का मकसद सर्जरी के बाद और सर्जरी के दिन के बीच मृत्यु दर के संबंध का पता लगाना था.
इसके लिए शोधकर्ताओं ने सभी सर्जरी की प्रक्रियाओं का पांच सालों तक मूल्यांकन किया. साथ ही 30 दिनों तक सर्जरी के बाद अस्पताल के मृत्यु दर की समीक्षा की.
इसके तहत सर्जरी में आई बाधाओं के आधार पर और काम के समय को तीन भागों दिन, शाम और रात के तहत बांटकर आंकड़े जुटाए गए.
इसके तहत 40,044 अस्पतालों में 33,942 मरीजों की 41,716 विशेष और आपातकालीन शल्य चिकित्सा का अध्ययन किया गया.
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन मरीजों की सर्जरी रात को हुई, उनमें दिन की तुलना में मरने की आशंका 2.17 गुनी ज्यादा थी. इसी तरह दोपहर बाद सर्जरी किए गए मरीजों के मरने की आशंका 1.43 गुनी रही.
मैकगिल विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र के सहायक प्रोफेसर माइकल टेस्सलर ने कहा कि अमेरिकी सोसाइटी ऑफ एनेस्थियोलाजिस्ट (एएसए) की गणना और मरीजों की आयु और दूसरे कारकों आदि अध्ययन से पता चलता है कि शाम और देर रात की गई आपातकालीन सर्जरीमें ज्यादा मृत्युदर रही.
टेस्सलर ने कहा कि सर्जरी के 30 दिन बाद अस्पताल की मृत्युदर में बेहोश करने और दूसरे कारकों को भी खतरे में शामिल किया गया.
इस शोध का प्रकाशन पत्रिका ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ सोसाइटीज ऑफ एनेस्थिसियोलाजिस्टस’ और वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट में (डब्ल्यूसीए) किया गया.