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अश्लील साहित्य क्यों पढ़ते हैं लोग ?

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“मुझे कामुक साहित्य वाकई में बहुत दिलचस्प लगता है,” लीना कहती हैं. “श्ह्ह्हह्ह्ह्ह, किसी को बताना मत, लेकिन असल में इसकी लत लग जाती है.” लीना अपने आप को एक ‘किताबी कीड़ा’ मानती हैं. उनका कमरा हमेशा तरह-तरह की किताबों से भरा रहता है. लेकिन अपने कामुक साहित्य को वो सार्वजानिक नहीं कर सकती, बावजूद इसके की दुनिया में करोड़ों लोग इस साहित्य के शौक़ीन हैं.

कामुक साहित्य कई सदियों से समाज में मौजूद है. संभवतः यह कामोतेज्जन का सबसे पुराना तरीका है. बदलते समय के साथ इसने उपन्यास, काव्य और सेक्स ग्रंथों का रूप ले लिया. पुराणिक साहित्य जैसे ‘कामसूत्र’ और ‘अनंग रंग’ इस तरह के साहित्य की शुरुवात रहे होंगे. अलग-अलग तरह की कलाओं के विकास के साथ कामुकता भी चित्रकारी, नृत्य, फोटोग्राफी और चलचित्र में अपनी छाप छोड़ने लगी.

लीना, जो कि करीब 25 साल की उम्र की लेखिका हैं, पिछले कुछ सालों से कामुक साहित्य का लुत्फ़ उठाती रही हैं. “किताबें पढ़ना मेरा पुराना शौक रहा है. तो जब मैंने कामुक साहित्य देखा तो मैंने सोचा क्यूँ न इसे भी पढ़ कर देखा जाये?” वो कहती हैं.

कामुक साहित्य का सबसे आकर्षक पहलु यह है की यह पोर्न से एकदम अलग है. “यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. मुझे सेक्स का कलात्मक नजरिया पसंद है. और जबकि आप लिंग और योनी की साफ़ तस्वीर नहीं देख रहे हैं,” उनका कहना है.

कामुक साहित्य की यौन प्रतिक्रियाओं पर अनुसन्धान 1960 के दशक में कर लिया गया था. विभिन्न रिपोर्टों से महिला और पुरुषों की यौन प्रतिक्रियाओं के बारे में अलग अलग नतीजे निकले. जकोबोविता के अध्ययन के अनुसार इस तरह के साहित्य से महिलाये पुरुषों की अपेक्षा अधिक कमोतेजित हो जाती हैं. किन्तु अंग्लर और वालकर के अनुसार कामुक साहित्य की यौन प्रतिक्रिया महिला और पुरुष, दोनों के लिए समान ही है.

लेकिन दोनों अध्यन से एक बात पता चली – की यह असरदार ज़रूर है. “निसंदेह यह कारगर है!” लीना कहती हैं. यह एकदम व्यक्तिगत है. आप कोई भी पुस्तक अकेले ही पढ़ते हैं. तो उस पुस्तक का असर और आपकी कल्पना की उड़ान आप पर ही निर्भर करती है. लेकिन यह व्यक्तिगत अनुभव मुझे बिलकुल सुरक्षित महसूस करता है,” वो कहती हैं.

लीना कामुक उपन्यास ‘fifty shades of grey’ की बड़ी प्रशंसक हैं. इ. एल. जेम्स द्वारा लिखी गयी इस किताब की अब तक करोड़ों कॉपी बिक चुकी हैं जो इसे इतिहास की सबसे तेज़ बिकने वाली पुस्तक बना देता है. इन्टरनेट पर भी कामुक साहित्य की लोकप्रियता में वृद्धि आई है.

28 साल के राजन ने दुकानों पर उपलब्ध कुछ सस्ती कामुक किताबें पढ़ी लेकिन वो इनसे खुश नहीं हैं. “शायद कामुक साहित्य में भी ऊँचे और नीचे दर्जे की सामग्री होती है. मुझे कुछ ऊँचे दर्जे का ऐसा साहित्य नहीं उपलब्‍ध हुआ तो मैंने यह ‘भड़कीली सामग्री’ से ही काम चलता रहा. और यह मेरे लिए कभी कारगर साबित नहीं हुई. इनमे इस्तेमाल होने वाली भाषा वाकई घटिया होती है.

कुछ निराशजनक प्रयासों के बाद राजन ने यह साहित्य छोड़ फिर से पोर्न विडियो की और अपना रुख कर लिया. “आँखों को दिखाई देने वाली चीज़ें मुझे बेहतर लगती हैं. जैसे की विडियो में महिला की योनी और स्तन देखना मुझे ज्यादा अच्छा लगता है, बजाये केलीफोर्निया के जंगल में किसी डॉक्टर और नर्स के बीच अनैतिक संबंधों की कहानी पढना.”

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