घरों में 78,300 करोड़ रुपये का बेकार सामानः स्वच्छ भारत अभियान की 8 बार फंडिंग संभव

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भारतीय परिवारों के पास बिना इस्तेमाल या बेकार पड़े सामान का आंकड़ा 78,300 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यह बात एक सर्वे में सामने आयी है.

ओएलएक्स क्रस्ट (कंज्यूमर रिसर्च ऑन यूज्ड गुड्स एंड सेलिंग ट्रेंड्स) सर्वे संयुक्त रूप से भारत बाजार अनुसंधान ब्यूरो (आईएमआरबी) के साथ 16 शहरों में किया गया. सर्वे में यह तथ्य सामने आया है कि देश में वस्तुओं को बेकार में जमा करते रहने का चलन लगातार बढ़ रहा है.

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सर्वे के मुताबिक देश में वस्तुओं को जमा करने की दर एक साल पहले की तुलना में 3 फीसदी बढ कर 90 फीसदी तक पहुंच गयी है. सर्वे में दावा किया गया है कि घरों में बेकार पड़े सामानों की जितनी कीमत है उससे सरकार की स्वच्छ भारत योजना को 8 बार फाइनेंस किया जा सकता है. इसके अलावा सर्वेक्षण में यह तथ्य भी सामने आया है कि वस्तुओं की बिक्री की दर 49 फीसदी है जो पिछले साल से 4 फीसदी अधिक है.

आईएमआरबी की उपाध्यक्ष (शॉपर एवं रिटेल) सुष्मिता बालासुब्रमण्यम ने कहा, ”इस साल के सर्वे में एक और रोचक तथ्य सामने आया है कि सेकेंड हैंड सामान की ऑनलाइन बिक्री, ऑफलाइन बिक्री से औसतन 25 फीसदी अधिक है.” रिपोर्ट में दावा किया है कि सेकेंड हैंड सामान बेचने वाले 27 फीसदी लोगों का कहना है कि वे ऐसे उत्पाद ‘बोर’ होने की वजह से बेचते हैं. इस मामले में विशेषरूप से मोबाइल फोन सबसे आगे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि औसतन प्रत्येक भारतीय परिवार 12 कपड़ें, 14 किचन के बर्तन, 11 किताबों, सात किचन के उपकरणों, दो मोबाइल फोन और तीन घड़ियों को स्टॉक करके रखते हैं.

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