दिल्ली के 2 हजार स्कूली छात्रों ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

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दिल्ली के 2,000 स्कूली छात्रों द्वारा किए गए ‘सबसे बड़े प्रैक्टिकल साइंस लेशन’ को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्डस ने अपनी स्वीकृति की मुहर लगा दी है. दिल्ली के छात्रों ने आयरिश स्कूल के 1,339 विद्यार्थियों के एक समूह के बनाये गये पूर्व के विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर नया विश्व कीर्तिमान बनाया. गिनीज बुक ने इसकी पुष्टि करते हुए अपनी वेबसाइट पर उल्लेख किया, “2,000 प्रतिभागियों वाले सबसे बड़े प्रैक्टिकल साइंस लेशन को 7 दिसंबर 2015 को दिल्ली, भारत में विज्ञान भारती (भारत) ने आयोजित किया. उत्प्रेरक (कैटेलिस्ट) पर आधारित इस लेशन में प्रतिभागियों ने छोटे-छोटे समूहों में मिलकर प्रयोगों को पूरा किया.”

विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इसे एक ‘महत्वपूर्ण उपलब्धि’ की संज्ञा देते हुए कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के छात्रों ने देश को गौरवान्वित किया है.”

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गिनीज बुक में इस प्रयोग को नए विश्व कीर्तिमान में शामिल किए जाने की घोषणा विज्ञान भारती (विभा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आईआईटी दिल्ली के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. विजय भटकर और आईआईटी दिल्ली के निदेशक डा. क्षितिज गुप्ता ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान की.

दिल्ली के छात्रों ने आईआईटी दिल्ली में प्रमुख पांच दिवसीय आईआईएसएफ 2015 के तहत 7 दिसंबर को पुरस्कार हासिल करने वाले प्रयोग के लिए प्रयास किया था. यह आयोजन विभा और प्रौद्योगिकी सूचना, पूवार्नुमान और आकलन परिषद (टीआईएफएसी) के सहयोग से विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था.

इस ‘सबसे बड़े प्रैक्टिकल साइंस लेशन’ का सफल आयोजन देश के सबसे बड़े विज्ञान आंदोलन ‘विज्ञान भारती’ की ओर से किया गया.

नया विश्व कीर्तिमान 9वीं से 12 वीं कक्षा के 2000 स्कूली छात्रों का है. इसमें सरकारी और निजी दोनों स्कूलों से 40 स्कूलों से हर स्कूल से 50 बच्चों ने 65 मिनट के लंबे कार्यक्रम में भाग लिया. केरल में कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीयूएसएटी) में रसायन शास्त्र के वरिष्ठ प्रोफेसर प्रो. के. गिरीश कुमार ने इन प्रयोगों की अवधारणा तैयार की और सत्र के आयोजन टीम का नेतृत्व किया.

इस कार्यक्रम की एक प्रमुख विशेषता ‘एलिफैंट टूथपेस्ट एक्सपेरिमेंट’ था जिसमंे हाइड्रोजन पेरोक्साइड को आयोडाइड की उपस्थिति में कैटालिटिक डिकंपोजिशन से गुजारा गया, जिसके परिणामस्वरूप भारी मात्रा में ऑक्सीजन और झाग निकला. झाग इतना ज्यादा था जितना एक बहुत बड़े टूथपेस्ट को निचोड़ने पर निकलेगा. एक अन्य प्रयोग हाइड्रोजन पेरोक्साइड के द्वारा मेथिलीन ब्ल्यू का रंग परिवर्तित होना था.

गौरतलब है कि इस आयोजन से पहले सबसे बड़े प्रैक्टिकल साइंस लेशन का संचालन इस साल 24 फरवरी को बेलफास्ट में ओडिसी एरेना में किया गया था. गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्डस के अनुसार, बेलफास्ट से प्राथमिक विद्यालय के 7 वीं और 8 वीं कक्षा के 1339 छात्रों ने इस मास क्रोमैटोग्राफी प्रैक्टिकल में भाग लिया था. इसे लंदन की द रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री के द्वारा समर्थन प्रदान किया गया था और आयोजित किया गया था.

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