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जानें कॉन्डोम इस्तेमाल करने का सही तरीका

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यह तो मानना पड़ेगा कि कॉन्डोम विज्ञान का एक अद्भुत देन है. यह न सिर्फ अनचाहे प्रेगनेन्सी से बचाता है बल्कि एसटीडी यानि सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज जैसे, एचआईवी/एड्स के खतरे से भी बचने में बहुत सहायता करता है. सुरक्षित रूप से सेक्स का आनंद उठाने के लिए कॉन्डोम का इस्तेमाल करना ज़रूरी होता है.

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सुरक्षित रूप से प्रेम संबंध स्थापित करने के लिए कॉन्डोम का सही तरह से इस्तेमाल करने के बारे में भी जानना ज़रूरी होता है. नहीं तो कॉन्डोम इस्तेमाल करने के बावजुद भी खतरे की संभावना वैसे ही रह जाती है.

1. पैकेट को सही तरह से खोलने का तरीका: ज़्यादातर समय लोग दाँत से पैकेट को फाड़कर खोलने की कोशिश करते हैं जिससे कॉन्डोम के फटने की संभावना बन जाती है. जिसके फलस्वरूप परिणाम अच्छा नहीं हो पाता है.

2. खोलने का तरीका: सामान्य तौर पर लोग यह गलती कर बैठते हैं कि उत्तेजित होने के पहले ही कॉन्डोम को खोल लेते हैं. जिसके कारण जब वे उत्तेजित होने के बाद पहनने जाते हैं तब साधारणतः कॉन्डोम फट जाता है.

3. गलत तरह से पहनने का तरीका: कभी-कभी लोग जल्दी में कॉन्डोम गलत तरह से पहन लेते हैं और फिर खोलकर सही तरह से पहनने के दौरान उसमें शुक्राणु के लग जाने की आंशका बन जाती है, जिसके कारण गर्भधारण का खतरा बढ़ जाता है.

4. गलत लूब्रकन्ट का इस्तेमाल: कॉन्डोम के साथ सही तरह के लूब्रकन्ट का इस्तेमाल करना ज़रूरी होता है नहीं तो कॉन्डोम के फटने की संभावना बढ़ जाती है. उदाहरणस्वरूप पेट्रोलियम जेली, लोशन , क्रीम का इस्तेमाल करने से लैटेक्स कॉन्डोम को नुकसान पहुँचता है. इसके लिए ग्लिसरिन का इस्तेमाल करना अच्छा होता है.

5. हवा भरने की गलती न करे: कोई-कोई यह गलती कर बैठते हैं कि कॉन्डोम को पहनते वक्त उसमें हवा भरने लगते हैं. हवा के बुलबुले कॉन्डोम के फटने का कारण बन सकते हैं.

6. पहनने के बाद जगह न छोड़े: वीर्य के नोक पर पहनने पर जगह नहीं छोड़नी चाहिए इससे फटने का डर बना रहता है.

7. काम हो जाने के बाद पहने रहने की गलती: सेक्स के दौरान उत्तेजना के शमन के बाद भी कुछ लोग पहने रहने की गलती करते हैं जिससे शुक्राणु के निकल कर बाहर आने का डर बना रहता है. इसलिए इस्तेमाल करने के तुरन्त बाद इसको खोलकर फेंक देना चाहिए.

8. सही साइज का चुनाव: कॉन्डोम खरीदते वक्त सही साइज का चुनाव ज़रूर करें. साइज सही नहीं होने पर ढीला हो जाता है या जगह छुट जाता है. जिसके कारण सेक्स के दौरान आनंद पूरी तरह से उठा नहीं पाते हैं.
कॉन्डोम विज्ञान की देन ज़रूर है मगर बनाया तो मनुष्य ने ही है इसलिए कभी-कभी इसको बनाने में या संरक्षित करने में भी कुछ समस्याएं आ जाती हैं इसलिए इस्तेमाल करने के पहले इन बातों पर ध्यान देना ज़रूरी होता है:

• हमेशा अच्छे ब्रैंड का कॉन्डोम ही खरीदें.

• खरीदते वक्त एक्सपाइरी डेट पर ध्यान ज़रूर दें.

• ज़्यादातर लोग पॉकेट में कॉन्डोम लेकर घुमते हैं. सूर्य के किरणों के संपर्क में आने के कारण कॉन्डोम का लैक्टेस और टेक्सचर दोनों नष्ट होने लगते हैं.

इसलिए सुरक्षित और आनंदपूर्ण सेक्स लाइफ के लिए कॉन्डोम का इस्तेमाल ज़रूर करें

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